scorecardresearch
 

मोहम्मद हाफिज सईद ने कसाब के लिए पढ़ी ‘नमाज-ए-जनाजा’

मुंबई पर आतंकवादी हमले में गिरफ्तार एकमात्र आतंकवादी अजमल कसाब के ‘नमाज-ए-जनाजा’ में लश्कर-ए-तय्यबा के संस्थापक हाफिज मोहम्मद सईद के नेतृत्व में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया.

Advertisement
X
हाफिज सईद
हाफिज सईद

मुंबई पर आतंकवादी हमले में गिरफ्तार एकमात्र आतंकवादी अजमल कसाब के ‘नमाज-ए-जनाजा’ में लश्कर-ए-तय्यबा के संस्थापक हाफिज मोहम्मद सईद के नेतृत्व में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया.

Advertisement

अजमल कसाब को बुधवार को फांसी पर चढ़ा दिया गया था. खबरों के मुताबिक, 2008 के मुंबई हमले के सरगना सईद ने लाहौर के निकट मुरीदके मुख्यालय में जमात-उद-दावा के दो दिवसीय प्रशिक्षण सत्र के समापन पर कसाब के लिए ‘गायबाना नमाज-ए-जनाजा’ पढ़ी.

खबरों के अनुसार इस कार्यक्रम में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया. हालांकि इसका आयोजन कब किया गया इसके बारे में कोई खबर नहीं है. 25 वर्षीय कसाब को गत बुधवार को पुणे की यरवदा जेल में फांसी दी गई थी. वह लश्कर-ए-तय्यबा के 10 आतंकवादियों के उस समूह का हिस्सा था जिसने चार साल पहले मुंबई में तीन दिनों तक चले नरसंहार के दौरान 166 लोगों की हत्या की थी.

पाकिस्तानी तालिबान ने कसाब की फांसी का बदला लेने के लिए भारतीयों को निशाना बनाए जाने की धमकी दी है. लश्कर-ए-तय्यबा ने कसाब को ‘हीरो’ बताया है, जो और अधिक आतंकवादी हमलों को प्रेरित करेगा.

Advertisement

कसाब को फांसी पर लटकाए जाने के कुछ ही समय बाद जमात-उद-दावा ने इस मुद्दे पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था. जमात-उद-दावा की मीडिया शाखा के एक सदस्य हबीबुल्ला सालफी ने कहा, ‘हमने कसाब को फांसी पर कोई भी वक्तव्य जारी नहीं करने का फैसला किया है क्योंकि यह उचित नहीं है.’

जमात-उद-दावा का दावा है कि इसका लश्कर-ए-तय्यबा के साथ कोई संबंध नहीं है. मुंबई हमलों के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने जमात-उद-दावा को प्रतिबंधित लश्कर-ए-तय्यबा का मुखौटा संगठन घोषित किया था. इससे पहले इस साल की शुरुआत में सईद के सिर पर एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित किया गया था.

Advertisement
Advertisement