महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा का एक ट्वीट कुछ दिन पहले चर्चा में आ गया था जिसमें उन्होंने कहा था कि 'जूते का इलाज' करने वाले शख्स को भारतीय प्रबंधन संस्थानों (IIM) में पढ़ाने का मौका देना चाहिए. अब उन्होंने कहा है कि उस 'डॉक्टर' को एक अच्छा डिजायन किया हुआ वर्कस्पेस दिया जाएगा. उनकी टीम ने डिजायन तैयार किया है जिसे उन्होंने ट्विटर पर पोस्ट करते हुए लोगों से फीडबैक मांगा है.
मामला ये है कि हरियाणा में एक मोची रहते हैं नरसीराम. उन्होंने अपनी दुकान को 'जख्मी जूतों का 'हस्पताल' बताया है. इसी वजह से आनंद महिंद्रा का ध्यान उनकी फोटो पर गया.Recall my tweet about Narseeji,the cobbler?Our team in Harayana met him&asked how we could help.A simple&humble man.Instead of asking for money,he said he needed a good workspace. I asked our Design Studio team from Mumbai to design a kiosk that was functional&yet aesthetic.(1/2) pic.twitter.com/Oefr69yAy1
— anand mahindra (@anandmahindra) April 28, 2018
जूतों का अस्पताल, जर्मन तकनीक से इलाज
मोची नरसीराम ने इसमें काम करने का समय भी अस्पताल के ढंग में ही लिखा है- ओपीडी सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक रहेगी. लंच का समय- दोपहर 1 बजे से 2 बजे तक. लंच के बाद अस्पताल शाम 2 बजे से 6 बजे तक फिर से खुलेगा. इसके साथ ही यह भी लिखा है- हमारे यहां सभी किस्म के जूतों का इलाज जर्मन तकनीक से किया जाता है.
महिंद्रा को लगता है कि यह शख्स प्रबंधन के छात्रों को मार्केटिंग का चैप्टर अच्छे से पढ़ा सकता है. उन्होंने इस आदमी की तस्वीर अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर की थी. यह तस्वीर सोशल मीडिया पर पिछले महीने वायरल हो गई थी.