scorecardresearch
 

हिमाचल की बर्फीली वादियों में अब सब्जियों की बहार

हिमाचल प्रदेश के सबसे बर्फीले इलाके, लाहौल घाटी में इन दिनों सब्जियों की बहार आई हुई है. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, यहां पैदा होने वाली मुख्य सब्जियों में बहुमूल्य और आकर्षक ब्रोकली तथा सलाद शामिल हैं.

Advertisement
X
हिमाचल की खूबसूरत वादियां
हिमाचल की खूबसूरत वादियां

हिमाचल प्रदेश के सबसे बर्फीले इलाके, लाहौल घाटी में इन दिनों सब्जियों की बहार आई हुई है. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, यहां पैदा होने वाली मुख्य सब्जियों में बहुमूल्य और आकर्षक ब्रोकली तथा सलाद शामिल हैं.

Advertisement

कृषि अधिकारी वी. के. चौधरी ने बताया कि हिमाचल की यह सुदूरवर्ती घाटी कभी रोगमुक्त उच्च गुणवत्ता वाले आलू के बीजों और कड़वे स्वाद वाले 'होप' फलों के लिए जानी जाती थी, और यहां मई से लेकर सिर्फ वर्ष के पांच महीने ही फसल ली जा सकती थी.

चौधरी ने आगे बताया कि अब यह घाटी सब्जियों की खेती में काफी आगे निकल चुकी है. चौधरी ने कहा, 'यहां किसान अब आलू के बीजों और होप के बजाय फूलगोभी, शिमला मिर्च, बंदगोभी, ब्रोकली, मटर और सलाद जैसी सब्जियां उगाने लगे हैं. इन सब्जियों में उन्हें दोगुना मुनाफा मिल रहा है.'

लाहौल स्पीति के जिला मुख्यालय केलांग में नियुक्त चौधरी ने बताया कि इस वर्ष घाटी में 44,240 टन सब्जी का उत्पादन होने की संभावना है. पिछले साल यहां 31,360 टन सब्जी का उत्पादन हुआ था.

Advertisement

कृषि विभाग द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में आलू की खेती का क्षेत्रफल 2000 हेक्टेयर से घटकर 700 हेक्टेयर रह गया है.

इसी तरह यहां के प्रमुख नकदी फसल होप के उत्पादन में भी काफी कमी आई है. चीन, अमेरिका और जर्मनी से कम गुणवत्ता वाले होप की प्रचुर मात्रा में आपूर्ति किए जाने के कारण बीयर बनाने में मुख्य रूप से इस्तेमाल होने वाली फसल होप के उत्पादन में यह कमी आई है. घाटी में वर्तमान समय में 2,200 हेक्टेयर में सब्जियों की खेती की जाती है.

सिसु गांव में सब्जियों की खेती करने वाले ताराचंद ने बताया कि चीनी ब्रोकली और सलाद की खेती का प्रचलन गांव में बहुत बढ़ गया है. उन्होंने बताया, 'इस साल दिल्ली और चंडीगढ़ में मांग अधिक होने के कारण ब्रोकली की अच्छी कीमत मिली. गांव में यह 150 से 200 रुपया प्रति किलोग्राम की दर पर बिका.'

पत्तन गांव के भानु बोध ने बताया कि इस वर्ष शिमला मिर्च और बंदगोभी का उत्पादन आलू के मुकाबले कहीं अधिक हुआ. उन्होंने बताया, 'बंदगोभी 20 से 25 रुपया प्रति किलोग्राम की दर से बिकी.'

राज्य के कृषि निदेशक जे. सी. राणा ने बताया कि राज्य में 2012-13 में सब्जियों का उत्पादन बढ़कर 13.7 लाख टन हो गया, जबकि 1990-91 में यह सिर्फ 6.5 लाख टन ही था.

Advertisement

राणा ने कहा कि सब्जी उत्पादन, फूलों के उत्पादन की ही तरह राज्य की अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार बनकर उभरा है, तथा अगले दो वर्षो में राज्य में सब्जी उत्पादन 16 लाख टन को पार कर सकता है.

Advertisement
Advertisement