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चीन से सामने आए डरावने VIDEO! रहस्यमयी बीमारी से जूझ रहे बच्चों के लिए बने 'होमवर्क जोन'

China Pneumonia Outbreak: बीमार बच्चों के लिए अस्पतालों में होमवर्क जोन बनाए गए हैं. यहां बच्चे इलाज के साथ साथ अपनी पढ़ाई भी कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर इसके कई वीडियो सामने आए हैं. जो कुछ लोगों को ठीक नहीं लग रहा.

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बीमार बच्चों के लिए अस्पताल में होमवर्क जोन बनाए गए (तस्वीर- @manyapan/X)
बीमार बच्चों के लिए अस्पताल में होमवर्क जोन बनाए गए (तस्वीर- @manyapan/X)

चीन में फेफड़ों से जुड़ी रहस्यमयी बीमारी तेजी से फैल रही है. जो ज्यादातर बच्चों को अपना शिकार बना रही है. हालात कोरोना वायरस महामारी जैसे हैं. अस्पतालों में लोगों की भीड़ लगी है. मरीजों में बड़ी संख्या बच्चों की है. ऐसे में उनकी पढ़ाई को कोई नुकसान न पहुंचे, इसके लिए खास इंतजाम किए गए हैं. उनके लिए 'होमवर्क जोन' बनाए गए हैं. चीन के उत्तरी हिस्सों में स्थित अस्पतालों में इसकी शुरुआत की गई. इसे लेकर सोशल मीडिया पर काफी चर्चा हो रही है.

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कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. इस पहल का विरोध करने वालों का कहना है कि बीमारी में भी बच्चों को अतिरिक्त तनाव दिया जा रहा है. तो दूसरी तरफ इसका सपोर्ट करने वालों का कहना है कि जो बच्चे पढ़ना चाहते हैं उनके लिए ये अच्छी पहल है. वायरल तस्वीरों और वीडियो में देखा जा सकता है कि बच्चों को ग्लूकोस चढ़ रहा है. उन्हें ड्रिप लगी है. बावजूद इसके वो पढ़ाई कर रहे हैं. ये दूसरे क्षेत्रों में भी देखने को मिल रहा है. जिनमें सेंट्रल हुबेई प्रांत के साथ-साथ पूर्वी जियांग्सू और अनहुई प्रांत शामिल हैं.

होमवर्क जोन्स में बच्चों के लिए टेबल, कुर्सी और ड्रिप समेत पूरी व्यवस्था की गई है. ताकि इलाज के साथ साथ उनकी पढ़ाई भी होती रहे. रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि माता पिता बच्चों को पूरा सपोर्ट कर रहे हैं. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट से बात करते हुए एक पेरेंट ने तो अस्पताल में पढ़ाई के सकारात्मक वातावरण को लेकर खुशी भी जाहिर की. उन्होंने कहा, 'मेरा इरादा अपने बच्चे को यहां होमवर्क करने देने का नहीं था. लेकिन जब अस्पताल में पढ़ाई का वातावरण देखा तो वो काफी अच्छा लगा. इसलिए मैंने भी मेरे बच्चे को होमवर्क करने को कह दिया.' 

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एक अन्य बच्चे के पिता ने कहा कि मेरे बच्चे को अस्पताल में अपना होमवर्क पूरा करना ही होगा ताकि वो रिकवरी के बाद स्कूल में लौटे तो पीछे न रह जाए. हालांकि हर कोई इस पहल का समर्थन नहीं कर रहा. चीन के सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म Douyin पर एक यूजर ने कहा, 'ये बच्चे बेशक शीरीरिक तौर पर बीमार हैं लेकिन बड़े मानसिक तौर पर बीमार हैं.'

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