एक लंबे अरसे से जंग और बर्बादी झेल रहा गाजा इस बार रमजान के महीने में पहले से थोड़ा अलग नजर आ रहा है. इसकी वजह इजरायल और हमास के बीच सीजफायर की कोशिशें हैं. ऐसे में इस रमजान की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं, जहां लोग मलबे, धूल और तबाह हो चुके शहरों की सड़कों पर रोजा खोलते नजर आ रहे हैं. ये तस्वीरें गाजा के हालात को पूरी तरह बयान कर रही हैं.
पिछले महीने इजरायल ने अमेरिकी मध्य-पूर्व दूत स्टीव विटकॉफ के सीजफायर प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था, जिसमें मुस्लिमों के पवित्र महीने रमजान और यहूदी त्योहार पासओवर के दौरान किसी भी तरह की हिंसा और हमले पर रोक लगाई गई है. हालांकि इसका असर देखने को नहीं मिल रहा है.
अल जजीरा की एक रिपोर्ट बताती है कि जहां दुनिया भर में लोग इस महीने को उत्साह और इबादत के साथ मना रहे हैं, वहीं गाजा में इसे ग़म और दर्द के साए में गुजारा जा रहा है.
जंग की गूंज अब भी सुनाई दे रही है. कोई नहीं जानता कि यह सीजफायर कब तक टिकेगा. लोग इस अनिश्चितता में जी रहे हैं कि आगे क्या होगा. डर बना हुआ है कि जंग फिर लौट सकती है.
पूरा इलाका खंडहर में बदल चुका है, रास्तों में लाइटों की झड़ी लगी है, इफ्तार का सामान बिछा हुआ है, और लोग रोजा खोलने का इंतजार कर रहे हैं. देखें वीडियो.
गाजा के दक्षिणी हिस्से रफाह में फिलिस्तीनी लोग मिलकर सामूहिक इफ्तार की तैयारी करते हुए.
कुछ ऐसी भी तस्वीरें सामने आई जहां लोग रफाह में इफ्तार की तैयारी करते नजर आए.
7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुआ था, जब हमास के लड़ाकों ने दक्षिणी इजरायल पर हमला कर 1200 से ज्यादा लोगों की हत्या कर दी और करीब 250 लोगों को बंधक बना लिया. इसके बाद जो जवाबी कार्रवाई हुई, उसने गाजा को खंडहर में बदल दिया. अब तक 46,000 से ज्यादा फिलीस्तीनी नागरिक मारे जा चुके हैं, हजारों घायल हैं और लाखों बेघर हो चुके हैं.