बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के बेतिया में एक अनोखी शादी हुई जिसमें सैकड़ों लोगों ने न केवल शिरकत की बल्कि इस मौके पर आयोजित प्रीति भोज का भी लुत्फ उठाया. यह शादी थी एक बंदर और बंदरिया की. विवाह के लिए शुभ मुहूर्त सोमवार को था, जिसमें बंदर रामू और बंदरिया रामदुलारी की शादी करवाई गई. इस शादी के लिए करीब 300 निमंत्रण कार्ड बांटे गए थे.
बेतिया के तीन लालटेन चौक निवासी उदेश महतो ने वर और वधू पक्ष के अभिभावक की भूमिका निभाई. शादी में रामू ने नीला और रामदुलारी ने गुलाबी जोड़ा पहना था. उदेश बताते हैं कि विवाह वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ संपन्न हुआ, जिसके बाद प्रीति भोज का भी आयोजन किया गया था.
उदेश को खुशी है कि उन्होंने यह विवाह कराया, लेकिन अफसोस इस बात का है कि बैंड-बाजे वालों के देरी से पहुंचने की वजह से वह बारात नहीं निकाल सके. उन्होंने बताया कि बैंड वालों के इंतजार में शुभ मुहूर्त निकल जाता.
उन्होंने बताया कि रामू बंदर से उनकी मुलाकात करीब सात वर्ष पहले गोवर्धन पर्वत घूमने के दौरान हुई थी. वह उसे अपने घर ले आए और उसे अपने बच्चे की तरह पाला व पहले उसी की शादी कराने का फैसला किया. इसलिए उन्होंने दो साल पहले 2,500 रुपये में रामदुलारी बंदरिया को खरीदा. उदेश बताते हैं कि उनकी शादी के कार्ड भी छपवाए गए थे. शादी में जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक सहित 300 लोगों को बुलाया गया था.
(इनपुट IANS से)