टीम इंडिया के मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने एक बार फिर संन्यास की खबरों को खारिज किया है. आज तक के सवाल पर सचिन ने कहा, 'मीडिया चाहे जो कहे लेकिन उनपर किसी तरह का कोई भी दबाव नहीं पड़ता. सचिन भले ही पिछले कुछ समय से फार्म में नहीं हों लेकिन इस सीनियर भारतीय बल्लेबाज ने कहा कि वह अपने संन्यास के बारे में दूसरे लोगों की राय से परेशान नहीं हैं और वह अपना काम जारी रखेंगे.
तेंदुलकर ने भारत के पहले ई-न्यूजपेपर ‘www.enewspaper.com’ के लांच के मौके पर कहा, ‘काफी लोग इस सवाल (संन्यास के बारे में) पर काफी बात कर रहे हैं. अगर मैं सही हूं तो यह सवाल 2005 से शुरू हुआ था और तब से यह सिलसिला जारी है. लेकिन मेरा जवाब यही रहा है कि मैं अपने काम पर अडिग रहूंगा और आप अपना काम करो.’
जब उनसे पूछा गया कि उनके संन्यास को लेकर लगातार चर्चाओं से क्या उन्हें कभी झल्लाहट हुई है या इससे उनके प्रदर्शन पर असर पड़ा है तो उन्होंने कहा, ‘इससे मुझ पर कोई असर नहीं पड़ता.’ संचार एवं सूचना प्रोद्यौगिकी मंत्री कपिल सिब्बल और सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी भी इस ई-न्यूजपेपर के लांच के मौके पर मौजूद थे. लांच के बाद तेंदुलकर ने चर्चा में यह बात कही. उन्होंने इस बारे में भी बात की कि 2001 विश्व कप के दौरान 99वां शतक जड़ने के बाद किस तरह मीडिया ने उनके 100वें अंतरराष्ट्रीय सैकड़े की अटकलें लगायी थीं.
तेंदुलकर ने कहा, ‘मैंने विश्व कप के दौरान अपना 99वां अंतरराष्ट्रीय शतक जड़ा था, जिसके बाद मीडिया की अटकलबाजियां शुरू हो गयी. आप (मीडिया) विश्व कप के दौरान चुप रहे और मेरे 100वें शतक के बारे में बात नहीं कर रहे थे क्योंकि सबसे अहम हमने विश्व कप जीता था. विश्व कप के बाद फिर से ध्यान मेरे 100वें अंतरराष्ट्रीय शतक पर चला गया.’ यह पूछने पर कि क्या वह रोज अखबार पढ़ते हैं तो तेंदुलकर ने जवाब दिया, ‘मैं न्यूजपेपर पढ़ता रहूंगा तो खेलेगा कौन?’
पूर्व कप्तान सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण की उनके बारे में राय (हालांकि ये नकारात्मक नहीं हैं) के संबंध में सवाल पूछने पर तेंदुलकर ने पूछा, ‘आप सोचते हैं कि वे मेरे बारे में गलत चीजें कह रहे थे?’ तेंदुलकर ने गंभीरता से कहा कि वह दूसरे लोगों की राय से परेशान नहीं थे. उन्होंने कहा, ‘लोग अपनी राय देने के लिये स्वतंत्र हैं. काफी लोग मेरे बारे में राय दे रहे हैं. कुछ क्रिकेट खेल चुके हैं और वे अपनी राय दे रहे हैं. कुछ क्रिकेट नहीं खेले हैं और वे भी राय दे रहे हैं. लेकिन मैं उनकी राय के बारे में चिंतित नहीं होता.’
तेंदुलकर ने कहा, ‘यह एक ‘पैकेज डील’ है. आप जब भी बल्लेबाजी के लिये क्रीज पर जाते हो तो हमेशा शतक नहीं बना सकते. इसी तरह से आपको हमेशा सकारात्मक टिप्पणी नहीं मिल सकती. इसलिये दूसरे लोग क्या कहते हैं, मैं इस पर नियंत्रण नहीं कर सकता. मैं सिर्फ इतना ही कर सकता हूं कि मैं अपना ध्यान उन चीजों पर लगाउं जो मेरे हाथ में हैं यानी अपना सर्वश्रेष्ठ खेल दिखाउं.’ इस मास्टर बल्लेबाज ने कहा कि उनका परिवार क्रिकेट पर चर्चा नहीं करता इसलिये यह खेल उनके घर में मुख्य मुद्दा नहीं होता.
राज्यसभा के सदस्य ने कहा, ‘हम क्रिकेट पर चर्चा नहीं करते. मेरा परिवार दिन के अन्य मुद्दों पर चर्चा करता है, लेकिन क्रिकेट पर नहीं. जब मैं क्रिकेट पर बात करना चाहता हूं तो मैं अपने भाई के साथ इस पर चर्चा करता हूं.’ तेंदुलकर के सोशल मीडिया ट्विटर पर 32 लाख लोग फॉलोअर बन चुके हैं, उन्होंने कहा कि वह खुश हैं कि वह इस मंच के जरिये चैरीटी के लिये धन जुटा सके.