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कोर्ट पर मैं एक टेरर ही हूं: सायना

आजतक के कार्यक्रम सीधी बात में संपादक  प्रभु चावला ने बैडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल से बातचीत की. उसके अंशः

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आजतक के कार्यक्रम सीधी बात में संपादक  प्रभु चावला ने बैडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल से बातचीत की. उसके अंशः

हमें आप पर गर्व है. आपने देश का नाम ऊंचा कर दिया. लगता है आपने विरोधियों के  लिए मनोवैज्ञानिक आतंक पैदा कर दिया है. एक टेरेरिस्ट की तरह काम करती हैं. लेकिन इससे चैलेंज बहुत बढ़ गया है.
आपने सच कहा है. मैं टेरेरिस्ट टाइप की ही हूं. मैं विरोधी खिलाड़ी के बारे में ऐसा नहीं सोचती हूं कि वह नंबर वन है या क्या है. मैं बस अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का प्रयास करती हूं. सोचती हूं कि बस, आज जीतना है. और उसके लिए पूरी मेहनत करती हूं ताकि मैं उसके जैसा बन सकूं, क्योंकि मैं जानती हूं कि चीन और कोरिया के खिलाड़ियों के साथ मुकाबला बहुत कड़ा है. उनकी गति और उनके स्टेमिना के स्तर की बराबरी करना बहुत कठिन है.

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नंबर वन बनने के लिए क्या कर रही हैं?
कोशिश कर रही हूं. अपनी शारीरिक ताकत और बढ़ा रही हूं. फुर्ती बढ़ाने की भी कोशिश कर रही हूं. फुर्ती बहुत जरूरी है. प्रतियोगिताएं काफी लंबी चलती हैं. हरेक मैच करीब 74 मिनट का होता है. हमें बहुत भागना पड़ता है, इसलिए मैं कोशिश कर रही हूं कि अपने स्टेमिना का स्तर और शारीरिक ताकत और बढ़ाऊं ताकि मैदान को कवर करने में समस्या न हो और मैं विरोधी के स्ट्रोक को उठा सकूं.

बॉडी को चुस्त और फुर्तीला बनाने के लिए भूख हड़ताल करनी पड़ती होगी.
नहीं-नहीं, बहुत खाते हैं हम. शरीर में ताकत के लिए बहुत खाना पड़ता है क्योंकि बहुत ऊर्जा खर्च होती है. करीब आठ घंटे की ट्रेनिंग करती हूं.  उसके लिए खूब खाना पड़ता है.

हरियाणा की छोरी को दूध, दही, मक्खन खाना पड़ता है, यहां वह सब खाने की अनुमति तो नहीं होगी?
दूध, दही, मक्खन वगैरह पारंपरिक चीजें छोड़ कर मांसाहारी बन चुकी हूं. अपने आहार को काफी नियंत्रित रखती हूं कि तेल से बनी चीजें न खाऊं. आलू परांठा मेरा पसंदीदा है लेकिन उसे भी बंद कर दिया है. जब जीत कर आती हूं तो मां खिलाती हैं.{mospagebreak}

भारतीय खानपान का आदी होते हुए पश्चिमी आहार से कैसे तालमेल बैठाती हैं?
पश्चिमी खानपान नहीं होता बल्कि हमारे आहार में प्रोटीन पर ज्‍यादा ध्यान दिया जाता है, जैसे अंडा, चिकेन आदि इसमें शामिल हैं. अगर मैं आइसक्रीम खाऊंगी, मिल्कशेक पीऊंगी, मिठाई खाऊंगी तो उससे चर्बी बढ़ेगी, फिर फुर्ती का तो सवाल ही नहीं उठता है.

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आप कितने घंटे प्रैक्टिस करती हैं?
आठ घंटे करती हूं.

फिर आप कुछ भी खाएं, मक्खन खाएं क्या फर्क पड़ता है?
नहीं, मेरा वजन बहुत जल्दी बढ़ता है. मैं करीब 11 साल से खेल रही हूं. मेरा वजन इतनी जल्दी नहीं घटता इसलिए मुझे ध्यान रखना पड़ता है कि मैं संतुलित भोजन करूं, वसायुक्त भोजन न लूं. हां, हफ्ते में एकाध बार खा लेती हूं.

दिनचर्या कितने बजे से शुरू हो जाती है?
जब मैंने खेलना शुरू किया था तब सुबह चार बजे उठती थी, खेल कर आठ बजे वापस आती थी. फिर स्कूल के बाद शाम को स्टेडियम जाती थी और रात आठ से साढ़े आठ बजे वापस आती. ऐसा करीब 5-6 साल चलता रहा. उसके बाद जब प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने लगी तो खेल पर ज्‍यादा ध्यान देना शुरू कर दिया और तब ट्रेनिंग सेशन शुरू हुआ और थोड़ा आसान हो गया.

नंबर वन बनने के लिए क्या करना होगा?
नंबर वन बनने के लिए हरेक एरिया में एक परिपूर्ण खिलाड़ी बनना जरूरी है और मैं उसी की कोशिश कर रही हूं कि हरेक एरिया में खुद को बेहतर बनाऊं. मैं एक आक्रामक खिलाड़ी हूं. पर मुझ्े अपना खेल और निखारना है. वैसे, काफी सुधार हो चुका है. पिछले साल से मैं कई बड़े खिलाड़ियों को हरा रही हूं लेकिन हरेक प्रतियोगिता में सभी चीनी और अच्छे खिलाड़ियों को हराने के लिए जो कंसिस्टेंसी चाहिए, उसे थोड़ा और सीखना है.{mospagebreak}

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इसके लिए शारीरिक ह्नमता पर ध्यान देना होगा. कुछ खास तरह का खान-पान होगा. उसके लिए कुछ नियम तो बनाए होंगे आपने?
सारा कुछ शारीरिक ही है क्योंकि खाना तो ठीक चल रहा है. मुझे अच्छा खाना मिल रहा है लेकिन शारीरिक ह्नमता बढ़ाने के लिए और काम करना होगा. और भी कठिन मेहनत करनी होगी.

आपके साथ माता-पिता को भी मेहनत करनी होगी. उन्हें दूर-दूर जाना पड़ता होगा?
वे पहले बैडमिंटन खेलते थे.

आपने मां से बैडमिंटन सीखा होगा?
नहीं. मम्मी के पास कुछ स्ट्रोक हैं. मैं आक्रामक खिलाड़ी हूं. उनके पास अच्छी कलाई है. दरअसल भारत के खिलाड़ियों के पास अच्छी कलाई है और मैं पहली बार भारत की ऐसी खिलाड़ी हूं जो आक्रामक है. मुझे अपने स्ट्रोक पर काम करना पड़ता है.

आक्रामक होने से विरोधी खिलाड़ी डर जाता होगा?
नहीं, आजकल लोग आराम से उठा लेते हैं. आज खेल बहुत तेज हो गया है. खेल के नियम ऐसे हैं कि छोटी-सी गलती पर बढ़त चली जाती है. 

कभी मैच हारने पर मम्मी ने पिटाई की?
मैच हारने पर की, पढ़ाई के लिए कभी नहीं. पढ़ाई को लेकर भी कभी शिकायत नहीं थी क्योंकि मैं पढ़ने में अच्छी थी और दस दिन पढ़कर भी अच्छे नंबर लाती थी, जो उनकी उम्मीद से ज्‍यादा होते थे. उन्होंने पढ़ाई के बारे में कभी नहीं सोचा. मां को यकीन था कि एक दिन मैं खिलाड़ी ही बनूंगी.

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आपको हरियाणा का ब्रांड एंबेसेडर बनना चाहिए.
जरूर बनना चांगी. अच्छा होगा अगर एक अलग खेल से हरियाणा की लड़की ब्रांड एंबेसेडर बने.

नंबर वन बनने के  लिए जिस तरह की सुविधाएं चाहिए, वह सब क्या आपको उपलब्ध हैं?
हां, हैदराबाद में मुझे सब उपलब्ध है. मैं लड़कों के  साथ खेलती हूं ताकि कड़ा संघर्ष करना पड़े. सीनियर और जूनियर खिलाड़ियों के साथ खेलने से अच्छा अभ्यास होता है.

घर तो बना लिया. अब एक गाड़ी चाहिए.
हां, गाड़ी का बहुत शौक है. ऑडी कार बहुत पसंद है.

फिल्में देखती हैं या नहीं?
बहुत देखती हूं. कभी-कभी थिएटर जाती हूं. सीरियल भी देखती हूं. मम्मी मुझे झांसी की रानी सीरियल दिखाती हैं जिससे पता चलता है कि लड़ने का जज्‍बा कैसे आता है.{mospagebreak}

सुना है किसी विज्ञापन के लिए आपको एक करोड़ रु. का प्रस्ताव मिला है. पहली बार बैडमिंटन में किसी लड़की को इतने पैसे मिल रहे हैं. इससे खुशी तो होती होगी?
बहुत अच्छा लगता है. लेकिन डर भी लगता है कि यह खेल की वजह से मिल रहा है.

आपकी कमजोरियां क्या हैं?
चूंकि मैं आक्रामक खिलाड़ी हूं इसलिए डिफेंस बहुत कमजोर था और मूवमेंट भी कमजोर थे. इन दोनों ह्नेत्रों में खुद को ठीक करना था.

खिलाड़ी आजकल जल्दी शादियां कर रहे हैं.
अभी शादी का कोई इरादा नहीं है. अभी तो ओलंपिक है. काफी कुछ जीतना बाकी है.

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सीधी बात आजतक चैनल पर रविवार रात्रि 8.00 बजे और सोमवार दोपहर 3.30 बजे प्रसारित होता है.

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