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अपने लोगों के सम्मान की रक्षा के लिये राजनीति में आया हूं: वरूण

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय सचिव और सांसद वरुण गांधी ने सोमवार को कहा कि वे राजनीति में चुनाव जीतने या सत्ता हासिल करने के लिये नहीं बल्कि अपने लोगों के सम्मान की रक्षा के वास्ते संघर्ष करने आये हैं.

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय सचिव और सांसद वरुण गांधी ने सोमवार को कहा कि वे राजनीति में चुनाव जीतने या सत्ता हासिल करने के लिये नहीं बल्कि अपने लोगों के सम्मान की रक्षा के वास्ते संघर्ष करने आये हैं.

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गांधी ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में आयोजित एक विशाल रैली को संबोधित करते हुये यह बात कही. उन्होंने कहा कि यदि वे ‘गांधी’ उपनाम की बजाय किसी और जाति के होते तो आज उन्हें यह जगह नहीं मिलती.

गांधी ने उत्तर प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लेते हुये कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि प्रतापगढ़ में मात्र 20 रुपये, मामूली कपड़े, कुछ मिठाई और बर्तन के लिये 65 लोगों की शहादत हो जाती है. लेकिन पांच करोड़ और 10 करोड़ की माला पहनने वाली ‘मालावती’ उर्फ मायावती के पास उन गरीबों को देने के लिये मुआवजे की राशि तक का इंतजाम नहीं है.

सांसद ने कहा, ‘वे इस मंच के माध्यम से मायावती के खिलाफ नहीं बोलेंगे क्योंकि चुनाव में मायावती ने उन्हें बहुत प्यार और सम्मान दिया था, हमारा समय आने पर उन्हें उससे ज्यादा प्यार तथा सम्मान दिया जायेगा.’ वरूण गांधी ने कहा, ‘हमारे उपर आज यह जिम्मेदारी है कि हम अमीरों के बजाय आम परिवारों के नौजवानों को उनका सम्मान दिलायें.’ उन्होंने सलाह दी कि यदि नौजवानों को लंबे समय के लिये कर्ज दिया जाये तो वह विभिन्न व्यवसायों को अपना कर अपने सपनों को सफल कर सकते हैं.

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गांधी ने किसानों का पक्ष लेते हुये कहा कि कपड़े और अन्य सामान का व्यापार करने वाला व्यापारी जब स्वयं सामान का रेट तय करता है तो किसान को भी उसकी फसल का रेट खुद तय करने का अधिकार दिया जाना चाहिये. उन्होंने गोहत्या को साम्प्रदायिक पाप और कानूनी जुर्म मानते हुये कहा कि गोहत्या केवल हिन्दुओं से जुड़ा मामला नहीं है बल्कि राष्ट्रीय मुद्दा है.

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