2004 में फर्जी मुठभेड़ में मारी गई इशरत जहां के परिवार ने नरेंद्र मोदी पर हत्या की साजिश में शामिल होने का शक जाहिर किया है. परिवार ने गुजरात के मुख्यमंत्री को किसी भी हालत न बख्शे जाने की बात कही.
मामले पर सीबीआई की चार्जशीट आने के बाद मीडिया से बात करते हुए इशरत की बहन मुशरत ने यह बात कही.
हत्या में मोदी की भूमिका पर पूछे जाने पर मुशरत ने कहा, 'मेरी बहन को यह आरोप लगाकर मारा गया कि वह नरेंद्र मोदी की हत्या करने गयी थी. इसलिए मुझे हत्या में मोदी के शामिल होने का शक है.'
2004 में जब फर्जी मुठभेड़ में इशरत की हत्या हुई तब नरेंद्र मोदी गृह मंत्री थे और गृह राज्य मंत्री का जिम्मा अमित शाह पर था.
इशरत के एक रिश्तेदार रउफ लाला ने कहा, ‘आईबी के जरिए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को इशरत से जुड़े तथ्यों के बारे में सब कुछ मालूम था.’
2004 में फर्जी मुठभेड़ में मारी गई इशरत की मां शमीमा कौसर ने सीबीआई की चार्जशीट पर खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा कि सीबीआई ने उनकी उस बात पर मुहर लगा दी है कि उनकी बेटी निर्दोष थी. उन्होंने कहा कि वह नौ साल से यह बात कहती आ रही थीं.
इशरत को याद करते परिवार का दर्द छलक आया. आंखों में आंसू लिए शमीमा ने कहा, ‘चंद पुलिसकर्मियों और नेताओं की वजह से हमें ये समस्याएं झेलनी पड़ी. हत्या के असल गुनहगारों के नाम चार्जशीट में नहीं हैं. उम्मीद है कि साजिश रचने वालों को सख्त सजा मिलेगी.’
इशरत की बहन मुशरत ने बताया कि हत्या के वक्त उनकी बहन बीएससी सेकेंड ईयर में थी. 2002 में पिता की मौत के बाद परिवार में वही थी जो दो वक्त की रोटी के लिए पैसे कमा रही थी. परिवार पर लगे दाग की वजह से उनकी बहनों की शादी नहीं हो सकी और भाई को नौकरी नहीं मिली.
एनसीपी नेता और स्थानीय विधायक जितेंद्र अवहद ने कहा कि इशरत का परिवार प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिलकर मांग करेगा कि मामले की पारदर्शी जांच हो.