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ताजिकिस्तान में धूम है चिकन टिक्का मसाला की

ताजिक और भारतीयों के बीच अगर समानता की बात की जाए जो आप यह जानकर हैरत में पड़ जाएंगे कि भारतीयों के मुंह में पानी लाने वाले ‘बटर चिकन’ और ‘दाल मक्खनी’ ताजिक लोगों के बीच भी बेहद लोकप्रिय हैं.

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ताजिक और भारतीयों के बीच अगर समानता की बात की जाए जो आप यह जानकर हैरत में पड़ जाएंगे कि भारतीयों के मुंह में पानी लाने वाले ‘बटर चिकन’ और ‘दाल मक्खनी’ ताजिक लोगों के बीच भी बेहद लोकप्रिय हैं.

देश की राजधानी दुशांबे में भारतीय रेस्त्रांओं में आकर भारतीय खाना खाने वालों में ताजिक लोगों की ही संख्या सबसे अधिक है जिन्हें ‘चिकन टिक्का मसाला’, बटर चिकन और दाल मक्खनी का स्वाद भारतीयों की तरह ही खूब भाता है.

यहां के भारतीय रेस्त्रांओं के नाम भी ‘दिल्ली दरबार’ और ‘सलाम नमस्ते’ रखे गए हैं जो दोनों देशों की संस्कृतियों के मिलन के प्रतीक हैं. ताजिक लोग इन रेस्त्राओं में आकर भारतीय व्यंजनों का स्वाद चखते हैं जिन्हें बनाने के लिए सारा सामान भारत से मंगवाया जाता है.

लगभग सभी भारतीय शाकाहारी और मांसाहारी व्यंजन परोसने वाले ‘सलाम नमस्ते’ रेस्त्रां चलाने वाले अपूर्व भूषण मित्रा ने बताया, ‘मेरे पिता दस साल पहले यहां आए थे और उसी समय हमने रेस्त्रां खोला था क्योंकि हमें यहां अच्छा भारतीय खाना खाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. हमने शुरूआत में ‘अशोका’ नाम से रेस्त्रा शुरू किया.’’
मित्रा ने बताया, ‘लेकिन जब मैं पिछली बार यहां आया तो मैंने शहर के बीचोंबीच ‘सलाम नमस्ते ’ नाम से भारतीय रेस्त्रां खोलने का फैसला किया.’ 23 वर्षीय उद्यमी ने बताया, ‘हम भारत के सारे व्यंजन परोसते हैं. हमारे पास शाकाहारी और मांसाहारी दोनों भोजन उपलब्ध रहते हैं. यहां सभी लोगों के बीच हमारा ‘बटर चिकन’ बेहद लोकप्रिय है.’ उन्होंने बताया कि भारतीय व्यंजनों के लिए सभी सामग्री खासतौर से भारत से ही मंगायी जाती है.

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मित्रा ने बताया, ‘यहां बहुत से लोग हैं जिन्हें भारतीय खाना पसंद है. हमारे सभी खानसामे भारत से हैं.’ रेस्त्रां का नाम ‘सलाम नमस्ते’ रखे जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह दोनों देशों की संस्कृतियों के मिलन को दर्शाता है.

उन्होंने बताया, ‘ताजिक लोग काफी दोस्ताना होते हैं. जब भी वे किसी भारतीय को देखते हैं तो ‘नमस्ते’ कहते हैं और जब हम (भारतीय) उन लोगों से मिलते हैं तो हम ‘सलाम’ (अरबी में शुभकामना) करते हैं. इसलिए हमने रेस्त्रां का नाम ‘सलाम नमस्ते’ रखने का फैसला किया.

मित्रा ने बताया, ‘यह दोनों देशों के बीच के रिश्ते को दिखाता है और यहां के लोगों के बीच यह काफी लोकप्रिय भी है.’ उन्होंने बताया कि पहाड़ियों से घिरे इस देश में कुछ और रेस्त्रां खोलने की योजना थी.
मित्रा ने बताया, ‘हमारा कारोबार काफी अच्छा चल रहा है. हमने इस कारोबार को बढ़ाने का फैसला किया है. हमारे यहां दो रेस्त्रां हैं. हम देश के अन्य भागों में भी जल्द ही और रेस्त्रां खोलेंगे.’ ‘दिल्ली दरबार’ नामक एक अन्य भारतीय रेस्त्रां भी अच्छा बिजनेस कर रहा है जिसके अधिकतर ग्राहकों में ताजिक लोग हैं जिन्हें भारतीय भोजन अच्छा लगता है.

जम्मू कश्मीर से ताल्लुक रखने वाले खानसामे कस्तूरी बाली ने कहा, ‘मैं यहां करीब 12 साल पहले आया था. तब से मैं यहां खाना बना रहा हूं . ताजिकों को भारतीय खाना बेहद पसंद है.’ इस रेस्त्रां में उचित दामों पर लोग समोसा, पनीर मक्खनी, बटर चिकन और नान का लुत्फ उठाते हैं.

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काफी प्रसन्न नजर आ रहे बाली कहते हैं, ‘मुझे ताजिकिस्तान अपने दूसरे घर की तरह लगता है . ताजिक लोगों को भारतीय खाना परोसना मुझे खुशी देता है.’

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