जब मुंबई के अपने अपार्टमेंट में पिछले महीने मॉडल रिंकी चौधरी की लाश मिली तो इसके लिए सबसे पहले उसके ब्वॉयफ्रेंड साहिल मलिक को जिम्मेदार माना गया, जिसने रिंकी को उसके घर में किचन की छत से लटकते हुए देखा था.
रिंकी की खुदकुशी ने एक अन्य मॉडल विवेका बाबजी की याद ताजा कर दी, जिसने इस साल के शुरू में ठीक इसी अंदाज में अपनी जान दे दी थी. उसकी मौत ने उसके व्यवसायी ब्वॉयफ्रेंड गौतम वोरा को शक की बिना पर मुसीबत में डाल दिया था.
उस मामले में एक अन्य आरोपी थे बाबजी के पूर्व कारोबारी साझीदार कार्तिक जोबनपुत्रा, जिनके साथ मिलकर उसने व्यापार शुरू किया था. उसकी आत्महत्या के कुछ ही दिनों बाद एक और मॉडल नताशा पादबिद्री ने खुदकुशी कर ली थी. उसकी खुदकशी को मनोवैज्ञानिकों ने अनुसरण करने का प्रभाव बताया था.
करीब 6 साल पहले 2004 में पूर्व मिस इंडिया, मॉडल और वीजे नफीसा जोसेफ ने भी अपनी इहलीला समाप्त कर ली थी और उसे खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप एक व्यापारी गौतम खंडूजा पर लगा था.
दोनों की सगाई हो चुकी थी लेकिन नफीसा ने सगाई तोड़ दी थी क्योंकि खंडूजा पहले से शादीशुदा थे लेकिन खंडूजा ने उसकी खुदकुशी का कारण डिप्रेशन (अवसाद) बताया, जो अभिनेता समीर सोनी और मॉडल समीर मल्होत्रा के साथ अपने प्रेम संबंधों के चलते नफीसा इसकी शिकार हुई.{mospagebreak}
ग्लैमर की दुनिया में रहने वाले लोग भारी मानसिक तनाव में जीते हैं. मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में मनोचिकित्सक डॉ. जालपा भुटा के मुताबिक, ''संबंधों को बहुत अहमियत दे दी जाती है और कभी-कभी इंसान का सब कुछ इन संबंधों पर निर्भर हो जाता है. जब अपने पार्टनर से उम्मीदें और मांगें पूरी नहीं होतीं तो डिप्रेशन आ जाता है और इंसान का आत्मविश्वास एकदम निचली पायदान पर आ जाता है.''
सारा जेन डायस इससे सहमत हैं. 27 वर्षीया पूर्व मिस इंडिया अब अभिनय के ह्नेत्र में आ गई हैं और संघर्ष के दबाव का सामना कर रही हैं. वे कहती हैं, ''हर कोई तनाव में होता है, डिप्रेशन का शिकार होता है और प्रेम संबंध टूटते हैं. लेकिन ग्लैमर की दुनिया के मामलों को अखबार और टीवी पर पेश बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर दिया जाता है. इससे उन लोगों के लिए परेशानी और भी बढ़ जाती है.''
अगर आप टीवी जगत में हैं तो आपके लिए यह तय करना मुश्किल हो जाता है कि क्या किया जाए और किस प्रोजेक्ट को मना किया जाए. और प्रोजेक्टों के बीच इंतजार करना तो सबसे कठिन होता है. टीवी कलाकार रोशिनी चोपड़ा, जो लगातार 52 घंटों तक काम करने के कारण सेट पर बेहोश हो गई थीं, कहती हैं, ''अनिश्चितता बहुत तनावपूर्ण होती है. काम का समय 50-60 घंटे भी हो सकता है.''
चुनौती केवल सफलता और प्रसिद्धि हासिल करने के बाद ही नहीं खड़ी होती. शुरुआती दौर भी चुनौती भरा हो सकता है, खासकर अगर कलाकार सही फैसला नहीं कर पाता. डायस कहती हैं, ''चैनल 'वी' के 'वीजे हंट' के लिए मेरी ऑडीशन के समय मुझे बहुत ज्यादा सफर करना पड़ता था. दूसरे हजारों उम्मीदवारों को देखकर मैं डर गई थी.''{mospagebreak}
अभिनेता और अभिनय की कक्षा चलाने वाले अनुपम खेर को लगता है कि ग्लैमर की दुनिया लॉटरी की तरह है जहां हर कोई जानता है कि आप वहां सफलता पाने के लिए आए हैं. वे कहते हैं, ''यहां आने वाले 90 प्रतिशत लोग रातोरात सफलता पाना चाहते हैं और सोचते हैं कि किसी एक्टिंग स्कूल से डिप्लोमा लेकर वे तुरंत काम पा जाएंगे.''
खेर छोटे शहरों के ढेर सारे लोगों के साथ काम करते हैं. वे कहते हैं, ''वे अपनी आंखों में सितारा बनने का सपना लेकर आते हैं, क्योंकि उन्हें धोनी, शाहरुख और सायना दिखाई देते हैं.'' ग्लैमर जगत में भारी प्रतिस्पर्धा के कारण लोगों के लिए दोस्त बनाना मुश्किल हो जाता है. उद्योग से बाहर के मित्र कल्पना की दुनिया के पार आपको सही सलाह दे सकते हैं, लेकिन उन्हें बनाए रखना कठिन है. रोशनी में आने के लिए आपस में जबरदस्त मारामारी होती है.
इस पेशे में प्रसिद्धि ज्यादा समय तक बरकरार नहीं रहती और कलाकार अवास्तविक उम्मीदें पाल लेता है. उन पर हर समय आम जनता की नजर में होने से हमेशा बेहतर करने का दबाव रहता है या फिर सफलता हाथ से निकल जाने का डर बना रहता है. डायस कहती हैं, ''हम एक काल्पनिक दुनिया में जीते हैं जहां हर चीज खूबसूरत और अच्छी है.''{mospagebreak}
चकाचौंध भरी दुनिया में आत्महत्या के ज्यादातर मामलों में पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन के बीच टकराव रहता है. साहिल मलिक आर्थिक रूप से रिंकी चौधरी पर निर्भर थे और रिंकी जब उनके पहले के संबंधों के बारे में पूछती तो तो वे उसकी पिटाई करते थे. बाबजी और वोरा कारोबारी पार्टनर थे. दोनों में पैसों को लेकर अक्सर झ्गड़ा हो जाता था और कभी-कभी डिप्रेशन भी हो जाता था.
2006 में 8 फरवरी को कुलजीत रंधावा ने मुंबई के अपने फ्लैट में फांसी लगा ली थी, क्योंकि वह ''जिंदगी के दबावों'' को नहीं झेल पाई. उसी साल अभिनेता नवीन निश्चल की पत्नी गीतांजलि निश्चल ने पति को अपनी मौत का जिम्मेदार बताते हुए फांसी लगा ली थी. उनका मूड अस्थिर रहता था और वे डिप्रेशन का इलाज करा रही थीं.
इस साल 11 जुलाई को 30 वर्षीया पादबिद्री ने वर्सोवा के अपने मकान में खुदकुशी कर ली थी क्योंकि उनके पास काम नहीं था और वे इससे बहुत दुखी रहती थीं. मुंबई के मॉडलों के साथ उनका ग्लैमर भले ही चलता हो लेकिन लगता है, मृत्यु उनकी सबसे नजदीकी साथी है.