पहले मैच में नौ विकेट की जबर्दस्त जीत से उत्साहित भारत शुक्रवार से शुरू होने वाले दूसरे क्रिकेट टेस्ट मैच में भी इंग्लैंड को स्पिन जाल में फांसकर उस पर अपना दबदबा बनाये रखने की कोशिश करेगा.
इंग्लैंड के खिलाफ चार मैच की इस सीरीज को बदला के रूप में देखा जा रहा है तथा भारत पहले ही 1-0 से आगे हो गया है. एक और जीत से महेंद्र सिंह धोनी की टीम यह सुनिश्चित कर देगी कि इंग्लैंड 27 साल बाद भारतीय सरजमीं पर सीरीज नहीं जीत पाएगा.
इससे भारत ब्राउनवाश करने और पिछले साल इंग्लैंड की धरती पर मिली 0-4 की हार का बदला चुकता करने की राह पर भी आगे बढ़ जाएगा. यदि कप्तान एलिस्टेयर कुक और विकेटकीपर मैट प्रायर की पारियों को छोड़ दिया जाए तो अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में खेले गये पहले मैच में भारत ने इंग्लैंड को हर विभाग में मात दी थी.
इन दोनों ने इंग्लैंड की दूसरी पारी में क्रम से 176 और 91 रन बनाये थे. उसके बाकी बल्लेबाज भारतीय स्पिनरों विशेषकर बायें हाथ के स्पिनर प्रज्ञान ओझा के सामने नहीं टिक पाये जिन्होंने नौ विकेट लिये.
वानखेड़े स्टेडियम में शुक्रवार से होने वाला मैच इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वीरेंद्र सहवाग का 100वां टेस्ट मैच होगा. वह इस मुकाम पर पहुंचने वाले नौवें भारतीय बल्लेबाज होंगे.
पहले टेस्ट में 117 रन बनाने वाले इस विस्फोटक बल्लेबाज की फार्म इस मैच और सीरीज का परिणाम तय करने में काफी अहम होगी. भारत को हालांकि तेज गेंदबाज उमेश यादव के बिना उतरना पड़ सकता है.
मोटेरा में अतिरिक्त उछाल हासिल करने के प्रयास में उनकी पीठ के निचले हिस्से में दर्द उभर गया था. उनकी जगह इशांत शर्मा को अंतिम एकादश में रखा जा सकता है. यदि यादव नहीं खेल पाते हैं तो जहीर के साथ इशांत नयी गेंद संभाल सकते हैं.
वह पहले टेस्ट मैच के दौरान वायरल बुखार से पीड़ित हो गये थे. यादव के चोटिल होने के कारण अशोक डिंडा को रिजर्व के तौर पर टीम से जोड़ा गया है. ऑफ स्पिनर आर अश्विन के भी टीम बने रहने की संभावना है.
उन्होंने इंग्लैंड की दूसरी पारी में हालांकि 100 से अधिक रन दिये और केवल ग्रीम स्वान का विकेट लिया. अश्विन का टीम में बने रहने का मतलब है कि हरभजन सिंह को बाहर रहना पड़ेगा.
भारतीय बल्लेबाज बेहतरीन फार्म में हैं. सहवाग यदि दो साल में पहला शतक जमाने में सफल रहे तो युवा चेतेश्वर पुजारा ने नाबाद दोहरा शतक ठोका. लेकिन सभी की निगाहें सचिन तेंदुलकर पर टिकी रहेंगी जिन्होंने अपने 100 अंतरराष्ट्रीय शतकों में से अपने घरेलू मैदान पर केवल एक टेस्ट शतक जमाया है.
उन्होंने 1997 में श्रीलंका के खिलाफ 148 रन बनाये थे. अपने करियर के अवसान पर खड़ा यह 39 वर्षीय क्रिकेटर यहां अपना दूसरा टेस्ट शतक जमाने के लिये बेताब होगा. यह उनका अपने घरेलू मैदान पर आखिरी टेस्ट मैच भी हो सकता है.
वह पिछले साल नवंबर में वेस्टइंडीज के खिलाफ केवल छह रन से शतक बनाने से चूक गये थे जो उनका 100वां अंतरराष्ट्रीय शतक होता. यहां सुबह काफी ओस रहती है जिससे मैच में प्रत्येक दिन पहले सत्र में तेज गेंदबाजों को मदद मिल सकती है.
कम से कम पहले दो दिन में बीच का सत्र बल्लेबाजी के अनुकूल रहता है जबकि समुद्र से चलने वाली हवा के कारण आखिरी सत्र में स्विंग गेंदबाजी को मदद मिलती है. यादव के चोटिल होने के कारण भारतीय टीम में एक बदलाव हो सकता है.
उनके अलावा विजयी टीम में किसी अन्य बदलाव की संभावना नहीं है. इस बीच इयान बेल की अनुपस्थिति से इंग्लैंड की बल्लेबाजी कमजोर हुई है. बेल पहले टेस्ट में हालांकि नाकाम रहे थे. उनका पहला बच्चा होने वाला है और इसलिए वह स्वदेश लौट गये हैं.
उनके स्थान पर बायें हाथ के बल्लेबाज इयोन मोर्गन को लिया जा सकता है. इंग्लैंड को छह फुट सात इंच लंबे स्टीवन फिन से भारतीयों पिचों पर अतिरिक्त उछाल की उम्मीद थी लेकिन अभ्यास के दौरान उनकी जांघ में चोट लग गयी और वह अब भी फिट नहीं हैं.
फिन दूसरे मैच में भी नहीं खेलेंगे. यह देखना दिलचस्प होगा कि बायें हाथ के स्पिनर मोंटी पनेसर को टीम में रखा जाता है या नहीं. उन्हें अहमदाबाद में नहीं खिलाया गया था. उन्होंने छह साल पहले इसी मैदान पर तेंदुलकर के रूप में अपना पहला टेस्ट विकेट लिया था.
वानखेड़े पर यह 23वां टेस्ट मैच होगा. इनमें से भारत ने नौ में जीत दर्ज की है. इनमें इंग्लैंड के खिलाफ 1984 से 1993 के बीच लगातार तीन मैच भी शामिल हैं. इंग्लैंड ने 1980 और 2006 में यहां जीत दर्ज की थी.