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J&K: बर्फबारी में फंसी मां और नवजात के लिए देवदूत बनी सेना, 6 किमी पैदल चलकर घर पहुंचाया

घटना जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले की है, जहां एक मां अपने नवजात शिशु के साथ भारी बर्फबारी के बीच एक अस्पताल में फंस गई थी.

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सेना ने बर्फवारी में फंसी महिला और नवजात शिशु को रेस्क्यू किया (फोटो-@ChinarcorpsIA)
सेना ने बर्फवारी में फंसी महिला और नवजात शिशु को रेस्क्यू किया (फोटो-@ChinarcorpsIA)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सेना ने भारी बर्फबारी में 6 किमी पैदल चलकर रेस्क्यू किया
  • महिला ने एक शिशु को जन्म दिया था

भारतीय सेना के पराक्रम की खबरों से पूरी दुनिया वाकिफ है लेकिन इंसानियत के मामले में भी भारतीय सेना का कोई सानी नहीं है.जम्मू-कश्मीर से भारतीय सेना की दरियादिली की एक और खबर आ रही है, जहां देश के वीर जवानों ने एक नवजात शिशु और उसकी मां का रेस्क्यू कराया है. वह भी भारी बर्फबारी में कंधे पर बिठाकर, 6 किमी पैदल चलकर. घटना कुपवाड़ा जिले की है, जहां एक मां अपने नवजात शिशु के साथ भारी बर्फबारी के बीच एक अस्पताल में फंस गई थी, जिन्हें भारतीय सेना ने 6 किमी तक अपने कंधों पर बिठाकर उनके घर तक पहुंचाया है.

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भारतीय सेना के चिनार कोर के ट्विटर हैंडल ने ट्विटर पर जानकारी दी है कि ''भारतीय सेना के जवानों ने दर्दपोरा (Dardpora) के रहने वाले फारूक खसाना की पत्नी और नवजात शिशु को भारी बर्फबारी में 6 किलोमीटर पैदल चलकर उनके घर तक सुरक्षित पहुंचाया.'' भारतीय सेना की चिनार कोर द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां भी देख सकते हैं. जिसमें देखा जा सकता है कि किस तरह भीषण परिस्थितियों से लड़ते हुए भारतीय सेना के जवान, महिला को कंधे पर ले जाते हुए पैदल चल रहे हैं. जबकि घनघोर बर्फबारी हो रही है.

समाचार एजेंसी ANI के अनुसार फारूक के एक रिश्तेदार ने इस घटना के बारे में कहा, ''खसाना की पत्नी ने कल अस्पताल में एक बच्चे को जन्म दिया था. अस्पताल से छुट्टी मिल जाने के बाद दोनों भारी बर्फबारी के बीच फंस गए.''

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फारूक के रिश्तेदार ने भारतीय सेना द्वारा की गई मदद के बारे में आगे कहा है कि '28RR बटालियन के सेना के अधिकारियों ने उन्हें घर तक पहुंचाने में मदद की. मैं उनका बहुत आभारी हूं. "

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