भारतीय मूल के एक वैज्ञानिक ने पानी का प्रदूषण दूर करने वाली दुनिया की पहले ऐसे तकनीक का विकास किया है जो प्रदूषण फैलाने वाले तत्वों को दूर करने के लिए टमाटर और सेब के छिलकों का उपयोग करेगा.
नेशनल यूनिवसिर्टी ऑफ सिंगापुर (एनयूएस) में पीएचडी के छात्र रामकृष्ण मल्लमपति ने कम मूल्य पर स्वच्छ जल उपलब्ध कराने की कोशिश के तहत आसपास मौजूद वस्तुओं का उपयोग पानी को शुद्ध करने के लिए किया.
एनयूएस के फैकल्टी ऑफ साइंस के रसायन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर सुरेश वालियावीत्तिल की देखरेख में यह प्रयोग किया गया है. शोध दल ने टमाटर के छिलकों का प्रयोग कर पानी में मिले हुए धातु कण सहित अन्य ऑर्गेनिक प्रदूषकों को भी निकालने में सफलता पायी.
इन छिलकों की मदद से पानी में पीएच की स्थिति में भी सुधार हुआ है. इसके अलावा वह कीटनाशकों आदि को भी पानी से अलग कर देता है.
इस शोध के परिणाम रॉयल सोसायटी ऑफ केमिस्ट्री के जर्नल आरएससी एडवांसेज में प्रकाशित हुए हैं.