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तीसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर घटकर 6.1 प्रतिशत रही

देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में घटकर 6.1 प्रतिशत पर आ गई जो दो साल की न्यूनतम तिमाही वृद्धि है.

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जीडीपी वृद्धि दर
जीडीपी वृद्धि दर

देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में घटकर 6.1 प्रतिशत पर आ गई जो दो साल की न्यूनतम तिमाही वृद्धि है. यह विनिर्माण, खनन व कृषि क्षेत्र के खराब निष्पादन का परिणाम है.

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पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 8.3 प्रतिशत थी.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीने (अप्रैल-दिसंबर 2011-12) के दौरान जीडीपी वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत रही, जबकि बीते वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 8.1 प्रतिशत थी.

31 दिसंबर, 2011 को समाप्त तिमाही के दौरान विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर घटकर महज 0.4 प्रतिशत रह गयी जो बीते वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 7.8 प्रतिशत थी.

इसी तरह, समीक्षाधीन तिमाही में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर महज 2.7 प्रतिशत रही जो बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में 11 प्रतिशत थी.

चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान खनन उत्पादन की वृद्धि दर घटकर 3.1 प्रतिशत पर आ गई जो बीते वित्त वर्ष की इसी अवधि में 6.1 प्रतिशत थी. वहीं निर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर समीक्षाधीन तिमाही में घटकर 7.2 प्रतिशत पर आ गई जो बीते वित्त वर्ष की इसी अवधि में 8.7 प्रतिशत थी.

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इसके अलावा, व्यापार, होटल, परिवहन और संचार खंड में वृद्धि दर महज 9.2 प्रतिशत रही जो बीते वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 9.8 प्रतिशत थी.

हालांकि, बिजली, गैस और जलापूर्ति खंड की वृद्धि दर समीक्षाधीन तिमाही में बढ़कर 9 प्रतिशत रही जो बीते वित्त वर्ष की इसी अवधि में 3.8 प्रतिशत थी.

बीमा और रीयल एस्टेट सहित सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर तीसरी तिमाही में घटकर 9.9 प्रतिशत पर आ गई जो बीते वित्त वर्ष की इसी अवधि में 11.2 प्रतिशत थी.

केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) ने वर्ष 2011-12 के लिए 6.9 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान व्यक्त किया है, जबकि प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने इस दौरान जीडीपी वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है.

बीते वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक वृद्धि दर 8.4 प्रतिशत रही थी.जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर में समाप्त नौ महीनों में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर घटकर 3.4 प्रतिशत पर आ गई जो बीते वित्त वर्ष की इसी अवधि में 7.6 प्रतिशत थी.

चालू वित्त वर्ष के प्रथम नौ महीने में खनन क्षेत्र की वृद्धि दर में 1.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई जबकि, बीते वित्त वर्ष की इसी अवधि में इस क्षेत्र की वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत थी.

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इसके अलावा, चालू वित्त वर्ष के प्रथम नौ महीने में कृषि, वन व मत्स्य क्षेत्र की वृद्धि दर महज 3.2 प्रतिशत रही जो बीते वित्त वर्ष की इसी अवधि में 6.8 प्रतिशत थी.

वहीं, समीक्षाधीन तीन तिमाहियों में निर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 4.2 प्रतिशत रही जो बीते वित्त वर्ष की इसी अवधि में 7.7 प्रतिशत थी.

जीडीपी वृद्धि दर में गिरावट से रिजर्व बैंक पर अपनी मध्य तिमाही मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दर में कटौती का दबाव बढ़ने की संभावना है. वित्त मंत्री प्रणव मुख द्वारा भी आगामी बजट में आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट रोकने के लिए उपायों की घोषणा किए जाने की संभावना है.

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