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भारत के सबसे उम्रदराज टेस्ट क्रिकेटर माधव मंत्री का निधन

भारत के सबसे उम्रदराज टेस्ट क्रिकेटर और पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर के मामा माधव मंत्री का बढ़ती उम्र की परेशानियों के कारण सुबह यहां एक स्थानीय अस्पताल में निधन हो गया. वह 92 वर्ष के थे और अविवाहित थे.

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दिवंगत माधव मंत्री सुनील गावस्कर के मामा हैं
दिवंगत माधव मंत्री सुनील गावस्कर के मामा हैं

भारत के सबसे उम्रदराज टेस्ट क्रिकेटर और पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर के मामा माधव मंत्री का बढ़ती उम्र की परेशानियों के कारण सुबह यहां एक स्थानीय अस्पताल में निधन हो गया. वह 92 वर्ष के थे और अविवाहित थे.

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विकेटकीपर बल्लेबाज मंत्री ने सिर्फ चार टेस्ट खेले थे जिसमें से एक भारत (1951), दो इंग्लैंड (1952) और आखिरी ढाका (1954-55) में खेला गया था. उन्होंने चार टेस्ट में 63 रन बनाये, आठ कैच लिये और एक स्टम्पिंग की.

टेस्ट में उनका सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजी प्रदर्शन 75 रन की साझेदारी था जो उन्होंने 1952 के इंग्लैंड दौरे पर पहले टेस्ट में पंकज रॉय के साथ की थी. इसमें उन्होंने 39 रन बनाये थे. भारत उस दौरे पर चारों मैच हार गया था.

मंत्री लीड्स में खेले गए दूसरे टेस्ट में उन चार बल्लेबाजों में से थे जिन्हें फ्रेड ट्रूमैन ने शून्य पर आउट किया था. भारत के चार विकेट शून्य पर उखड़ गए थे जिसके बाद कप्तान विजय हजारे और हरफनमौला दत्तू फड़कर ने अर्धशतक जमाकर टीम को 165 का स्कोर बनाने में मदद की.

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रणजी ट्राफी में मंत्री ने हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया. वह पॉली उमरीगर और बापू नाडकर्णी जैसे क्रिकेटरों के प्रेरणास्रोत रहे. करीब 25 सालों के प्रथम श्रेणी करियर में उन्होंने 33 से अधिक की औसत से 4403 रन बनाये. क्रिकेट करियर खत्म होने के बाद वह खेल प्रशासन से जुड़े और अस्सी के दशक के आखिर में मुंबई क्रिकेट संघ के अध्यक्ष रहे. उन्हें 1992 में शिवसेना नेता मनोहर जोशी ने हराया जिसके बाद से एमसीए पर राजनीतिज्ञों का ही दबदबा रहा.

वह राष्ट्रीय चयन समिति के सदस्य (1964 से 65 और 1967 से 68) भी रहे जब दत्ता रे अध्यक्ष थे. वह 1990 में इंग्लैंड दौरे पर मोहम्मद अजहरुद्दीन की अगुवाई वाली भारतीय टीम के मैनेजर रहे.


बीसीसीआई ने निधन पर शोक जताया

बीसीसीआई ने भारत के सबसे उम्रदराज टेस्ट क्रिकेटर माधव मंत्री के निधन पर शोक जताया तो पूर्व कप्तान और महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर के मामा भी थे.

बोर्ड सचिव संजय पटेल ने एक बयान में कहा, ‘माधव मंत्री का निधन भारतीय क्रिकेट के लिये बड़ी क्षति है. उन्होंने भारत और मुंबई का प्रतिनिधित्व किया. वह 1964 से 1968 तक राष्ट्रीय चयन समिति के सदस्य थे और 1990 से 1992 तक बोर्ड के कोषाध्यक्ष रहे.’ उन्होंने कहा, ‘वह 1990 के इंग्लैंड दौरे पर भारतीय टीम के मैनेजर थे.

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भारतीय क्रिकेट उनका ऋणी रहेगा. सुनील गावस्कर से सचिन तेंदुलकर तक कई क्रिकेटरों का उन्होंने शुरुआती सालों में मार्गदर्शन किया. बीसीसीआई की तरफ से मैं उनके परिवार और प्रशंसकों को सांत्वना देता हूं.’ 92 बरस के मंत्री का शुक्रवार को मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया. वह अविवाहित थे. विकेटकीपर बल्लेबाज मंत्री ने सिर्फ चार टेस्ट खेलकी 63 रन बनाये, आठ कैच और एक स्टम्पिंग किया.


महान शख्सियत थे मंत्री: पवार

पूर्व टेस्ट क्रिकेटर माधव मंत्री को मुंबई और भारतीय क्रिकेट की महान शख्सियतों में से एक बताते हुए मुंबई क्रिकेट संघ के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि वह शहर के क्रिकेटरों के लिए प्रेरणास्रोत थे.

पवार ने अपने शोक संदेश में कहा, ‘माधव मंत्री सचमुच में मुंबई और भारतीय क्रिकेट की महान शख्सियत थे. क्रिकेट का खेल और क्रिकेट प्रशासक उनके लिए किसी भी चीज से ज्यादा महत्वपूर्ण थे.’ पवार ने कहा, ‘उन्होंने कई भूमिकाओं में मुंबई और भारत की सेवा की. वह 1950 के दशक में भारत के लिए चार टेस्ट खेले. उनकी कप्तानी में 1950 के दशक में मुंबई ने तीन रणजी खिताब जीते और उन्होंने शहर के युवाओं को खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया.’

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