तिहाड़ जेल में कैंपस सेलेक्शन हुआ है. सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है. लेकिन यह सच है. दर्जन भर से ज्यादा कंपनियों ने तिहाड़ में कैद करीब सौ कैदियों का इंटरव्यू लिया और कई को सेलेक्ट भी कर लिया.
फॉर्मल ड्रेस, गले में टाई और हाथो में फाइलें. आप सोच ठीक रहे हैं. ये नौकरी के लिए इंटरव्यू की तैयारी है. लेकिन ये जानकर आप हैरान रह जाएंगे कि प्लेसमेंट के लिए ये इंटरव्यू किसी कॉरपोरेट दफ्तर में नहीं, बल्कि तिहाड़ जेल में हो रहा है.
कंपनी के अफसरों के सामने बैठे ये वो हैं जो कत्ल से लेकर लूट तक की वारदात के आरोपी हैं. कुछ अपने गुनाहों की सजा काट रहे है. लेकिन, अब हाथों में हथकड़ी नहीं, जिंदगी संवारने की फाइल है.
तिहाड़ जेल में रह रहे एक कैदी ने कहा मै एक कंपनी में अच्छी पोजिशन पर था लेकिन किसी वजह से यहां आ गया लेकिन इस कैम्पस प्लेसमेंट के जरिए यहां से निकलने के बाद भी मेरे पास नौकरी होगी.
तिहाड़ में देश की 13 मशहूर कंपनियां कैदियों को नौकरी देने के लिए पहुंची. करीब 100 कैदियों ने अलग-अलग पदों के लिए इंटरव्यू दिया. इनमें से 10 महिला कैदी भी थीं. कैदियों में एमबीए से लेकर डॉक्टर-इंजीनियर तक हैं.
एक महिला कैदी ने आजतक को बताया कि उसने डॉक्टरी की तालीम ली है और यह उसके लिये अच्छा मौका है.
इस मौके पर तिहाड़ जेल के डीजी नीरज़ कुमार, डीजी ने बताया कि इन कम्पनियों ने कुछ लोगों को शॉर्ट लिस्ट भी किया है. कुछ को नौकरी के ऑफर भी दिए गए हैं.
तिहाड़ में सेलेक्शन के लिए आई यूनिबिल्ड इंजिनियरिंग प्रा. लि. के हरीश गुलाठी ने कहा कि यहां कुछ लोगों काफी अच्छे है. वेदांता फाउंडेशन के साथ मिलकर तिहाड़ जेल की इस पहल ने सलाखों के बाहर जाने के बाद जिदंगी जीने का एक नया और सुनहरा रास्ता दिखा दिया है.