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एक जिंदगी ऐसी भी! 70 साल से मशीन में बंद है ये शख्स, कहानी सुनकर करने लगेंगे सलाम

इस साल मार्च महीने में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने उन्हें आयरन लंग में सबसे लंबे समय तक रहने वाला मरीज घोषित किया है. बीते साल उनके लिए लोगों ने 132,000 डॉलर का डोनेशन जमा किया था.

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बीते सात दशक से मशीन में बंद है शख्स (तस्वीर- X)
बीते सात दशक से मशीन में बंद है शख्स (तस्वीर- X)

ये एक ऐसे शख्स की कहानी है, जिसे अगर कोई जान ले, तो उसे सलाम करने से खुद को रोक नहीं पाएगा. शख्स बीते 70 साल से मशीन में बंद है. इस मशीन का नाम आयरन लंग है, जो 600 पाउंड की है. इसमें बंद शख्स का नाम पॉल अलेक्जेंडर है. उनकी उम्र 77 साल है. वो पोलियो पॉल के नाम से भी जाने जाते हैं. उन्हें 6 साल की उम्र में साल 1952 में पोलियो हो गया था. वहीं इस साल मार्च महीने में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने उन्हें आयरन लंग में सबसे लंबे समय तक रहने वाला मरीज घोषित किया है. 

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पॉल का जन्म साल 1946 में हुआ था. उसके बाद से ही वो तमाम चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. बीते साल उनके लिए लोगों ने 132,000 डॉलर का डोनेशन जमा किया है. 1952 में अमेरिका में इतिहास का सबसे बड़ा पोलियो आउटब्रेक हुआ था. बीमारी तेजी से फैल रही थी. कम से कम 58,000 मामले सामने आए. पीड़ितों में अधिकतर बच्चे शामिल थे. पॉल को भी पोलियो हो गया. इससे उनका शरीर लक्वाग्रस्त हो गया. गर्दन के नीचे का हिस्सा काम नहीं कर रहा था. बाद में सांस लेने में भी दिक्कत होने लगी. 

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1928 में हुआ था आविष्कार

अमेरिका ने 1979 में खुद को पोलियो से मुक्त देश घोषित कर दिया था. लेकिन तब तक पॉल के लिए काफी देर हो चुकी थी. बीमारी से जंग लड़ने के लिए उन्हें आयरन लंग मशीन में रखा गया. इस मशीन का आविष्कार 1928 में हुआ था. तकनीक के विकसित होने के चलते 60 के दशक के बाद ये बननी बंद हो गईं. फिलहाल पॉल इसमें रहने वाले दुनिया के इकलौते इंसान हैं. तकनीक विकसित हो गई लेकिन पॉल ने इसी मशीन में रहने की बात कही. वो इसे नहीं छोड़ना चाहते थे.

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मशीन में बंद रहते हैं पॉल अलेक्जेंडर (तस्वीर- X)
मशीन में बंद रहते हैं पॉल अलेक्जेंडर (तस्वीर- X)

पॉल ने साल 2020 में द गार्जियन से बात करते हुए कहा था कि जब तक नई मशीनों का आविष्कार हुआ, उन्हें अपनी पुरानी मशीन में रहने की आदत हो चुकी थी. उन्होंने मशीन के बाहर से सांस लेना भी सीख लिया. इसे "फ्रॉग ब्रीदिंग" तकनीक कहा जाता है. पॉल ने धीरे धीरे थेरेपिस्ट के कहने पर थ्रोट कैविटी में एयर को ट्रैप करना और मसल्स को ट्रेन करना शुरू कर दिया. उन्होंने इतना कुछ सहने के बावजूद भी अपने सपनों को पूरा करने की लिए कोशिशें करना जारी रखा. पॉल ने पढ़ाई पूरी की और एक किताब भी लिख दी. वो अपने मुंह की मदद से ही पेंटिंग भी कर लेते हैं.

मशीन में रहकर पूरे किए सपने

पॉल ने अपना हाई स्कूल पास किया, कॉलेज से ग्रेजुएशन की, वकालत में डिग्री हासिल की, दशकों तक वकालत की और एक बायोग्राफी भी लिखी. उन्होंने 2021 में दिए एक वीडियो इंटरव्यू में कहा था, 'मैंने कभी हार नहीं मानी और मैं (अब भी) हार नहीं मानूंगा.' अब चूंकी पॉल बूढ़े हो गए हैं, इसलिए उन्हें 24 घंटे केयर की जरूरत होती है. वो अमेरिका के डलास में रहते हैं.

इसी तरह बीत गए जिंदगी के सात दशक (तस्वीर- X)
इसी तरह बीत गए जिंदगी के सात दशक (तस्वीर- X)

उनके लिए गो फंड मी पर जब नवंबर 2022 में डोनेशन इकट्ठा किया जा रहा था, तो पेज पर बताया गया कि वह अपनी आयरन लंग मशीन को मैंटेन करने, इलाज का खर्च उठाने और अपने लिए एक सही घर लेने के लिए परेशानियों का सामना कर रहे हैं. वो एक कमरे के अपार्टमेंट में रहते हैं, जिसमें खिड़की भी नहीं है. उन्हें चोरी का पीड़ित भी बताया गया है. 

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