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सगाई के बाद मंगेतर से बात करना हराम: दारूल उलूम

दारूल उलूम देवबंद ने अपने नए फतवे में कहा है कि सगाई के बाद मंगेतर से बिना किसी वैध कारण के फोन पर बात करना इस्लाम में प्रतिबंधित है.

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दारूल उलूम देवबंद ने अपने नए फतवे में कहा है कि सगाई के बाद मंगेतर से बिना किसी वैध कारण के फोन पर बात करना इस्लाम में प्रतिबंधित है.

दारूल उलूम देवबंद की वेबसाइट पर सामाजिक मामलों के निकाह संबंधी प्रश्न क्रमांक 24557 में इस बारे में फतवा दिया गया है.

देवबंद से प्रश्न पूछा गया है़ ‘‘क्या रिंग सेरेमनी, जिसे हम ‘सगाई’ कहते हैं, के बाद कोई व्यक्ति अपनी मंगेतर से फोन पर बात कर सकता है, अगर उनके अभिभावकों ने इस बारे में पहले से अनुमति दी हुई है और उन्हें इस पर कोई आपत्ति नहीं है, जबकि दोनों अलग-अलग परिवारों से हैं.’’

इसका जवाब है ‘‘निकाह के पहले मंगेतर किसी अजनबी की तरह होती है. उससे बिना किसी कारण फोन पर बात करना वैध नहीं है.’’

फतवे के मुताबिक ‘‘इस बारे में अनुमति देने वाले अभिभावक कौन होते हैं, जब इस्लाम ने इस पर प्रतिबंध लगा रखा है. दु:ख की बात है कि अभिभावकों ने इसकी अनुमति दी है और उन्हें इस पर कोई आपत्ति नहीं है.’’

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