संसद में लोकपाल बिल पर बहस के दौरान लालू प्रसाद यादव ने कहा कि सरकार ने जो आरक्षण का प्रस्ताव किया है वह बिल्कुल सही है. यह कोई नौकरी नहीं है कि 50 प्रतिशत का मापदंड देखा जाए. लालू का कहना था कि देश रोब और प्रताप से चलता है ब्लैकमेलिंग से नहीं. यह आनन फानन में लाया गया बिल है. लालू ने कहा कि पूरी बात सुनने के बाद ही सरकार कोई बिल बनाए.
लालू ने कहा कि ये सशक्त लोकपाल नहीं है. इसमें चारों तरफ से कांटा लगा हुआ है. सरकार अन्ना के आंदोलन से डर रही है. सरकार और संसद को डिक्टेट कर रहे हैं आंदोलनकारी यह ठीक नहीं है. हमने लोकतंत्र को चुना है उसी के अनुसार हमें चलना है. लालू ने कहा कि हमने इस बिल को अभी पढ़ा नहीं है इसलिए पढ़ने के बाद ही इसपर बात हो सकती है. लालू ने कहा कि प्रधानमंत्री देश का नेता होता है इसलिए सोच समझ कर इस बिल में उसे डालिए. हमने तो प्रधानमंत्री को इस बिल में डाले जाने का विरोध किया था लेकिन उसे भी इस बिल में डाल दिया गया.
लालू ने कहा कि यह कोई सशक्त बिल नहीं है और इसे तुरंत सदन से हटा लेना चाहिए. लालू ने कहा कि इसे फिर से स्टैंडिंग कमेटी में भेजा जाए और उसे हम फिर से बनाएंगे. लालू ने मसखरे के अंदाज में कहा कि कमेटी की मीटिंग के दौरान सुषमा हमारी पार्टी में थी लेकिन पता नहीं कब पार्टी बदल ली.
लालू ने कहा कि हमने एक टीवी प्रोग्राम में अन्ना जी से कहा था कि हम आपके खिलाफ नहीं है. हम भी चाहते हैं एक सशक्त लोकपाल संसद में बने और हम उसके लिए प्रयास कर रहे हैं. आप अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दीजिए.
लालू ने संसद में कहा कि यह कोई बिल ही नहीं है. इस बिल को सरकार वापस ले और संसद का सत्र बढ़ाकर उसे फिर से लाए. हमलोग सशक्त लोकपाल के पक्ष में है इसके विरोध में नहीं.