पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की अपनी किताब में प्रशंसा करने के कारण भाजपा से निष्काषित पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह की नौ महीने बाद पार्टी में वापसी लगभग पक्की हो गयी है.
भाजपा सूत्रों ने कहा कि पार्टी नेतृत्व उनकी वापसी के लिए एक फार्मूले पर काम कर रहा है और इस संबंध में किसी भी समय निर्णय किया जा सकता है. पटना में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में शामिल होने के लिए जाने से पहले पिछले सप्ताह भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने जसवंत सिंह से मुलाकात की थी. समझा जाता है कि जसवंत सिंह ने पार्टी के शीर्ष नेताओं की उपस्थिति में पार्टी में शामिल होने की इच्छा जतायी थी.
पार्टी सूत्रों ने कहा कि अगले कुछ दिनों में भाजपा के संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाकर इसकी घोषणा की जा सकती है. जसवंत सिंह की पार्टी में वापसी की अटकलें काफी पहले से लगने लगी थी. भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उपराष्ट्रपति भैरो सिंह शेखावत के निधन पर लालकृष्ण आडवाणी और उनके एक साथ विमान में शेखावत की अंत्येष्टि के लिए जाना इस बात का संकेत था कि जसवंत की वापसी का आधार बन रहा है.{mospagebreak}कुछ दिन पहले जसवंत सिंह ने कहा था कि वह 30 साल से जिस पार्टी में शामिल थे उससे बाहर रहना अब उन्हें बहुत खल रहा है और वह पार्टी को ‘मिस’ कर रहे हैं. जसवंत की वापसी की राह में पार्टी अध्यक्ष गडकरी के अलावा वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की बहुत बड़ी भूमिका बतायी जा रही है. शिमला में चिंतन बैठक के दौरान उन्हें पार्टी से निष्कासित किये जाने के फैसले से आडवाणी सहमत नहीं थे लेकिन प्रमुख नेताओं के इस विषय पर एकजुट होने के कारण उन्हें हामी भरनी पड़ी थी.
पार्टी के नेताओं ने जसवंत की वापसी की अनौपचारिक बातचीत में तो पुष्टि की लेकिन ‘आन रिकार्ड’ कोई कुछ कहने से बचना चाह रहा है. पार्टी प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने जसवंत के लौटने की संभावना से इनकार नहीं किया और कहा कि पार्टी जब कोई फैसला करेगी तो आपको बता दिया जायेगा.
नौ महीने पहले शिमला में पार्टी की चिंतन बैठक में जसवंत सिंह को पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तारीफ करने और सरदार बल्लभ भाई पटेल तथा जवाहर लाल नेहरू को देश के विभाजन का मुख्य दोषी बताये जाने के संदर्भ में लिखी उनकी पुस्तक के लिए उन्हें पार्टी से बिना नोटिस के निष्कासित कर दिया गया था. गडकरी ने अध्यक्ष बनने के फौरन बाद जसवंत सिंह सहित पार्टी छोड़ कर गए कुछ नेताओं की वापसी की इच्छा जतायी थी.