scorecardresearch
 

'जोधा-अकबर' की कहानी सुनाकर जज ने रोका तलाक

लोक अदालत में सीजीएम गंगाचरण दूबे ने जोधा-अकबर की कहानी सुनाकर पति-पत्‍नी के बीच धर्म के नाम पर होने वाले अलगाव को खत्‍म कर  दिया.

Advertisement
X
indian marriage
indian marriage

Advertisement

'जोधा हम आपके धर्म का सम्मान करते हैं. आप पूरी तन्मयता से अपने धर्म और आस्था को मान सकती हैं. हम धर्म के अलग अनुयायी हो सकते हैं परंतु मंजिल एक है.' क्या आपने जोधा-अकबर के बीच का यह संवाद सुना है? क्या आपने जोधा-अकबर से जुड़ी ऐतिहासिक फिल्म या कोई टीवी सीरियल देखा है. आपकी जिंदगी में यह अनोखा नहीं है. इतिहास में ऐसे कई किस्से हैं, जिसमें धर्म को दरकिनार कर प्रेम को गढ़ा है. जोधा-अकबर इसी समर्पण और प्यार का नाम है. आप अपनी जिंदगी को नए सिरे से जिएं.

ये बातें हाल ही में लोक अदालत में सीजीएम गंगाचरण दूबे ने कही, इस बात का असर भी इतना हुआ कि पति-पत्‍नी के बीच धर्म के नाम पर होने वाला अलगाव खत्‍म हो गया.

आपको बता दें सीजीएम गंगाचरण दूबे ने केके खैगशी की काउंसलिंग की, कई दिनों से उनके और पत्‍नी शबनम के बीच धर्म के चलते अलगाव होने की नौबत आ गई थी. मामला कोर्ट तक पहुंचा, जहां जज साहब ने फिल्‍मी अंदाज में मामला शांत करा दिया.

Advertisement

आपको बता दें कि केके खैगशी ने अपनी इच्‍छा से धर्म परिवर्तन कर लिया था. 2014 में लोगों ने दंपति के घर पर पथराव किया  था, इस बात पर खैगशी की पत्‍नी शबनम अलग रहने लगी.

Advertisement
Advertisement