बृहस्पति हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा ग्रह तो है ही पर अब एक नये अध्ययन से पता चला है कि यह सौर मंडल का सबसे पुराना ग्रह भी है. अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि सूर्य की उत्पति के महज चालीस लाख साल के भीतर ही बृहस्पति की उत्पति हो गई थी.
बृहस्पति की उत्पति के बारे में मिली जानकारी से सौर मंडल की संरचना को समझा जा सकता है कि इसका जो वर्तमान स्वरूप है इसका निर्माण कैसे हुआ होगा. हालांकि कई मॉडलों से यह अनुमान लगाया है कि इस ग्रह की उत्पति अपेक्षाकृत जल्दी ही हो गई थी. लेकिन अब तक इसके निर्माण के सटीक समय का पता नहीं चल पाया है. अमेरिका स्थित लॉरेंस लिवरमोर नेशनल लैबरेटरी के शोधकर्ता थॉमस क्रुइजर ने कहा है, हमारे पास बृहस्पति ग्रह का कोई वास्तविक नमूना नहीं है.
नेशनल एकेडमी आफ साइंस की रिपोर्ट में प्रकाशित अध्ययन के मुख्य लेखक क्रुइजर का कहना है- हमारे अध्ययन में, बृहस्पति ग्रह की उम्र का पता लगाने के लिए हम उल्कापिंडों के आइसोटेप संकेत का इस्तेमाल करते है. उन्होंने बताया, बृहस्पाति हमारे सौर मंडल का सबसे पुराना ग्रह है और सोलर नेबुला गैस के बनने से पहले ही इसके ठोस कोर का निर्माण हो गया था और कोर संवर्धन मॉडल के अनुरूप इस जियांट ग्रह की रचना हुई.
क्रुइजर ने बताया, हमारा शोध यह दिखाता है कि उत्पति संबंधि अलग संकेतों और उल्कापिंडों के उत्पति काल के माध्यम से बृहस्पति ग्रह के निर्माण अवधि का पता लगाया जा सकता है.