ऐसा लग रहा है कि कृपा बरसाने वाले बाबा यानी निर्मल बाबा लगातार विवादों में घिरते जा रहे हैं. उनके समागम में आने वाले भक्त ही अब उनके खिलाफ बयान दे रहे हैं. तो वहीं झारखंड में एक 12 साल पुराना फ्रॉड का मामला सामने आया है जिससे उनका नाम जुड़ा हो सकता है. यहां तक कि उनके अकाउंट में भी कम पैसे जमा होने का सिलसिला लगातार जारी है.
निर्मलजीत सिंह नरुला उर्फ निर्मल बाबा के अपने भक्तों के दुख दूर करने के इन नुस्खों पर जमकर विवाद हो रहा है. ये उन लोगों की दलील है जो कल तक निर्मल बाबा के भक्त हुआ करते थे और दिल्ली में खत्म हुए उनके समागम में भी आए थे लेकिन अब शायद बाबा की किरपा से भरोसा उठ गया है.
अपने ही भक्तों के तल्ख बयान के बाद निर्मल बाबा के सामने अब एक पुराना मामला नया बवाल बनकर खड़ा हो गया है. झारखंड स्टेट मिनरल्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन अब ये पता लगाने में जुटा है कि 12 साल से झारखंड के खनन विभाग का 65 हज़ार हड़प कर लापता नरूला मिनरल्स नाम की कंपनी कहीं निर्मल बाबा की ही तो नहीं. ये मामला उसी दौर का है, जब निर्मल बाबा निर्मलजीत सिंह नरूला के नाम से सिंहभूम ज़िले के बहरागोड़ा में माइनिंग की ठेकेदारी किया करते थे.
झारखंड स्टेट मिनरल्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन को अब याद आया है कि बहरागोड़ा में नरूला मिनरल्स नाम की फर्म कायनाइट पत्थर की खनन का काम करती थी. इस फर्म ने कॉर्पोरेशन से 65 हज़ार रुपये का पत्थर खरीदा, लेकिन कीमत चुकाए बिना ही साल 2000 में चंपत हो गई. JSMDC ने वसूली के लिए नरूला मिनरल्स के रांची के अरगोड़ा इलाके वाले पते पर नोटिस भी भेजा, लेकिन पता ग़लत था, इसलिए सारी चिट्ठियां वापस आ गईं.
झारखंड के खनिज निगम का कहना है कि अगर नरूला मिनरल्स नाम की उस फर्म का निर्मल बाबा से रिश्ता साबित हुआ, तो बकाया वसूलने के लिए कानूनी कार्यवाही भी की जाएगी. यानी तब और बढ़ सकती है निर्मल बाबा की मुश्किलें.