भारतीय वन विभाग ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है जोकि सूखे मॉनिटर छिपकली के लिंग को बेचता था. मॉनिटर छिपकली भारतीय वन जीव कानून के अंदर आती है. वह इस लिंग को दुर्लभ जड़ के रूप में बेचा करता था, जिसे अच्छा भाग्य लाने के लिए माना जाता है.
भारतीय और ब्रिटिश जांचकर्ताओं नें कहा था कि उन्होंने एक स्केम से पर्दा उठाया है, जिसमें भारतीय इंटरनेट खुदरा विक्रेताओं के द्वारा हत्था जोड़ी के नाम पर छिपकलियों के अंग को बेचा जा रहा है. वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो के एक अधिकारी ने कहा कृष्णन से छिपकली के अलावा कई अन्य जीव के भी अंग मिले है
अधिकारियों का मानना है कि गिरफ्तार व्यक्ति कल्कि कृष्णन मध्य प्रदेश से छिपकलियों के अंग की खरीद करता था. सीनियर वन अधिकारी ने बताया कि बरामद छिपकली के लिंग को जांच के लिए प्रयोगशाला में भेज दिया गया और कोर्ट से आगे की जांच के लिए आरोपी की हिरासत की मांग करेंगे.
भारतीय और ब्रिटिश जांचकर्ताओं की रिपोर्ट के अनुसार इस नकली जड़ को भारत समेत दुनिया के कई देशों मे भी भेजा गया है, जिसको भारत मे 6 डॉलर से 63 डॉलर तक और विदेशो में 254 डॉलर में बेचा जाता था. इन छिपकलियों को जंगलो से अवैध रूप से पकड़ा जाता था. कुछ के जीभ कटे हुए मिले है तो किसी के सर को बेरहमी से कुचला गया था ताकि हत्था जोड़ी के रूप मे उसका इस्तेमाल किया जा सके.
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वन्यजीव संरक्षण अनुसंधान की प्रमुख शोधकर्ता अनिरुद्ध मुखर्जी ने बताया की मध्य प्रदेश, उड़िसा,कर्नाटक और उत्तर प्रदेश के राज्य में मॉनिटर छिपकली का शिकार किया जाता है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि 2016 में हमें इसके बारे मे अचानक पता चला था जिसके बाद हमने इसकी जांच करने के फैसला लिया था.
मुखर्जी ने बताया कि एक स्थानिय ने बताया हत्था जोड़ी के नाम से छिपकली के लिंग को बेचा जा रहा है जिसके बाद इंटरनेट पर जांच करने के बाद हमें पता चला कि इन्हें दुर्लभ जड़ के रूप बेचा जा रहा है और यह दावा किया जा रहा है कि इससे अच्छा भाग लाया जा सकता है.