लोकपाल बिल को पेश करने से ठीक पहले लघु चर्चा के दौरान प्रणब मुखर्जी ने कहा कि जल्दबाजी में यह बिल नहीं बनाया गया है. इस बिल को बनाने में सभी दलों की राय ली गई है. इसे बनाने के लिए किसी का दबाव होने की बात से प्रणब ने इंकार किया है. प्रणब ने कहा कि सारा देश संसद की ओर निगाह लगाए हुए है इसलिए हम सभी सांसदों को इसपर विचार करना होगा.
प्रणब ने कहा कि अन्ना ने तीन बातों की ओर इशारा किया था जिसमें लोअर ब्यूरोक्रेसी, सिटीजन चार्टर और राज्यों में लोकायुक्त की बात कही गई थी. सदन ने उन्हें आश्वासन दिया था कि सरकार सही तरीके से इसपर विचार कर लोकपाल के तहत इसे लाएगी.
बिल पेश करने से ठीक पहले सभी की आपत्तियों को खारिज करते हुए प्रणब ने कहा कि कानून बनाना संसद का काम है. यह किसी चौक चौराहे पर नहीं बनाई जा सकती है. उन्होंने कहा कि कानून की वैधता को देखना न्यायपालिका का काम है. हालांकि विपक्ष समेत कई पार्टियों के नेताओं ने इस बिल को खारिज करते हुए कहा कि यह बेहद कमजोर बिल है और सरकार को इसे वापस लेना चाहिए.
संसद में लोकपाल बिल 9वीं बार पेश किया गया है. इस बिल पर 27, 28 एवं 29 दिसंबर को संसद में बहस होगी.