सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों और वीडियो में दर्जनों लोग बिना पैंट पहने नजर आ रहे हैं. ये तस्वीरें बस, मेट्रो और सड़कों पर ली गई हैं. इन्हें देखकर हर कोई यही सवाल पूछ रहा है कि आखिर इन लोगों को क्या हुआ है? ये बिना पैंट पहने ही घर से क्यों निकल गए? दरअसल इन सभी ने 'नो ट्राउजर्स डे' में हिस्सा लिया है. इसका मतलब है बिना पैंट के घूमना. ये दिन ब्रिटेन सहित कई देशों में हर साल मनाया जाता है और इस बार रविवार को मनाया गया.
नो ट्राउजर्स डे की शुरुआत अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में साल 2002 में हुई थी. यह एक ग्लोबल इवेंट है. हालांकि कोरोना वायरस महामारी के बाद पहली बार 2023 में ही मनाया जा रहा है. महामारी की वजह से इसे आयोजित नहीं किया गया था. इस दौरान लोगों ने शरीर के ऊपरी हिस्से पर सर्दी के कपड़े भी पहने हुए थे.
क्यों मनाया जाता है ये दिन?
नो ट्राउजर्स डे का हिस्सा बनने वाले लोगों ने लंदन की प्रमुख सड़कों पर परेड निकाली. इन्होंने बिना पैंट पहने टिकट मशीन का इस्तेमाल किया, स्टेशन के एस्केलेटर्स पर चढ़े और एलिजाबेथ लाइन पर भी टहले. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, आयोजक द स्टिफ अपर लिप सोसाइटी का कहना है कि इवेंट के पीछे का उद्देश्य लोगों को हंसाना और मजे करना है. आयोजकों ने लोगों को भी इसका हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्हें फनी अंडरवियर पहनने के लिए कहा गया था, लेकिन ये ध्यान रखने को भी कहा गया कि फन के चक्कर में किसी की भवनाएं आहत नहीं होनी चाहिए.
Grin and bare it! #London Underground passengers partially disrobe for #NoTrousersDay - with the Elizabeth Line taking part in the quirky annual event for the first time pic.twitter.com/KLK4PryJM6
— Hans Solo (@thandojo) January 9, 2023
नो ट्राउजर्स डे में युवा महिलाओं और पुरुषों के साथ बुजुर्गों ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया है. इस दिन को नो पैंट्स डे भी कहते हैं. आपको ये बात जानकर भी थोड़ा अटपटा लगेगा कि इवेंट में हिस्सा लेने वाले लोगों से कहा गया कि सड़कों पर निकलते समय ऐसे व्यवहार करें कि वह वाकई में अपनी पैंट पहनना भूल गए हैं. तभी कुछ लोग दफ्तर वाले कपड़े पहनकर और हाथों में सूटकेस लेकर निकले.