
एक फलते-फूलते गांव को खत्म करके वहां एक तालाब बनवा दिया गया. इससे बड़े शहरों तक पानी सप्लाई होने लगा. लेकिन फिर एक बार, गर्मी बढ़ने पर जलाशय सूख गया और पानी के अंदर का गांव बाहर आ गया. फिर इसे देखने के लिए लोगों का हुजूम पहुंचने लगा. यह घटना है ब्रिटेन की और ये तालाब डर्बीशायर में है.
बात 1940 के दशक की है. डर्बीशायर के डेरवेंट गांव को ध्वस्त करके तालाब बनाया गया. यह जलाशय ब्रिटेन के बढ़ते शहरों डर्बी, शेफील्ड, नॉटिंघम और लीसेस्टर में पानी सप्लाई के लिए बनाया गया. लेकिन साल 2018 में भीषण गर्मी की वजह से तालाब का जलस्तर बहुत नीचे चला गया था. इसकी वजह से गांव के कुछ हिस्से दिखाई देने लगे. अद्भुत नजारे को देखने के लिए दूर-दूर से वहां लोग पहुंचे.
अब ब्रिटेन में इस समय भयानक गर्मी पड़ रही है. हीटवेव सारे रिकॉर्ड्स तोड़ते जा रहे हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि लेडीबोवर जलाशय का पानी सूख जाएगा और गांव फिर से पानी के बाहर आएगा.
कैसा दिखा था डेरवेंट गांव?
Lets Go Peak District वेबसाइट के मुताबिक, गांव में सुंदर कॉटेजेज की एक घुमावदार कॉलोनी थी, जहां पत्थरीले पुलों के अंदर से डेरवेंट नदी बहती थी. यहां एक छोटी लेकिन संगठित कम्युनिटी रहती थी, जहां कुछ घरें और एक स्कूल था. गांव में St John और St James का एक चर्च भी था, जिसे साल 1757 में बनाया गया था.
शुरुआत में चर्च को नहीं तोड़ा गया था. तालाब में पानी भरने के बावजूद इमारत का शिखर पानी के बाहर नजर आता था. हालांकि, बाद में सेफ्टी का हवाला देते हुए चर्च को तोड़ दिया गया. क्योंकि तब ऐसे मामले सामने आने लगे थे कि लोग तैरकर चर्च के शिखर तक पहुंचने की कोशिश करते रहते थे.
करीब पांच साल पहले, इस गांव के कई फोटोज सामने आए थे. जो गांव के रहन-सहन को दिखाते थे. फोटोज में डेरवेंट के साथ जलमग्न हुए एशोप्टन गांव में लोग लाइफ एन्जॉय करते दिखते हैं, नदी में भेड़ों को धोते और पारंपरिक वेशभूषा में जश्न मनाते दिखाई पड़ते हैं.
एक रिकॉर्ड के मुताबिक, साल 1829 में इस गांव में करीब 100 लोग रहते थे. जुलाई महीने में हर साल यहां एक ऊनी मेला भी लगता था.
लेडीबोवर जलाशय बनाने के लिए पूरे डेरवेंट गांव को ही खाली करवा दिया गया था और पानी भरने से पहले गांव के इमारतों को ध्वस्त करवा दिया गया था.