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'शुक्र है कि Microsoft ने नौकरी से निकाला...' शख्स ने Linkdin पर सुनाई सक्सेस स्टोरी

माइक्रोसॉफ्ट के एक पूर्व कर्मचारी कपिल ने खुलासा किया कि कैसे नौकरी से निकाला जाना उनके लिए आशीर्वाद साबित हुआ. लिंक्डइन पोस्ट में, कपिल कुलश्रेष्ठ ने बताया कि उन्हें 2005 में माइक्रोसॉफ्ट हैदराबाद में एक सीनियर प्रोग्राम मैनेजर के पद से अचानक ही हटा दिया गया था. इसी झटके से उन्हें मनचाहा करियर हासिल करने में मदद मिली.

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(Photo: Kapil Kulshreshtha/LinkedIn)
(Photo: Kapil Kulshreshtha/LinkedIn)

आमतौर पर अगर किसी की नौकरी चली जाए तो यह उसके लिए जिंदगी में एक बड़ा झटका होता है. यानी हमेशा याद रहता है कि जब नौकरी छूट गई थी तो कितनी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. लेकिन कहते हैं न जो होता है अच्छे के लिए ही होता है तो सच है अगर हम ध्यान से सोचें तो जो कुछ भी हम आज पा चुके हैं वह इसलिए क्योंकि हमने कभी कुछ खो दिया था. हाल में कपिल कुलश्रेष्ठ नाम के एक शख्स ने कुछ ऐसा ही अपने लिंक्डइन पर बताया.

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माइक्रोसॉफ्ट के पूर्व कर्मचारी कपिल ने खुलासा किया कि कैसे नौकरी से निकाला जाना उनके लिए आशीर्वाद साबित हुआ. लिंक्डइन पोस्ट में, कपिल कुलश्रेष्ठ ने बताया कि उन्हें 2005 में माइक्रोसॉफ्ट हैदराबाद में एक सीनियर प्रोग्राम मैनेजर के पद से अचानक ही हटा दिया गया था लेकिन इसी झटके से उन्हें मनचाहा करियर हासिल करने में मदद मिली.

कुलश्रेष्ठ ने बताया कि उन्हें 25 अगस्त 2005 को बिना किसी चेतावनी या एक्सप्लेनेशन के निकाल दिया गया था. बस एक चेक थमाया गया और बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. उस समय मिक्स्ड फीलिंग थी- गुस्सा, भ्रम और हार का अहसास.

अपने पोस्ट में, कुलश्रेष्ठ ने इस कठिन दौर से निपटने में उनकी पत्नी के अहम रोल के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा,मैंने अपनी पत्नी को फोन किया और उसने मुझसे सीधे घर आने के लिए कहा. गुस्सा करने या खुद को बेचारा बनाने के बजाय, मैं और मेरी पत्नी बैठे, बात की और अपनी च्वाइसेज तय कीं. यह आसान नहीं था, लेकिन यह पहला कदम था.

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इसके बाद, कुलश्रेष्ठ ने अपने पुराने मैनेजर से मिलने का फैसला किया, जिसने उन्हें अपने इंटरेस्ट के हिसाब से काम तलाशने की सलाह दी. सलाह पर अमल करते हुए, कुलश्रेष्ठ ने लगातार नौकरी की तलाश शुरू कर दी. ये सब तीन सप्ताह तक चला क्योंकि उन्होंने नेटवर्किंग, बायोडाटा अपडेट्स पर ध्यान केंद्रित किया हुआ था. आखिरकार कोशिश रंग लाई और उन्हें सिडनी में कॉग्निजेंट में नौकरी मिल गई. ये उनकी पसंद का काम था.

कुलश्रेष्ठ ने इस खास पल पर विचार करते हुए कहा, 'पीछे मुड़कर देखने पर, अहसास होता है कि मुझे फायर किया जाना मेरे करियर में एक खास मोड़ था. इसने मुझे अपने डर का सामना करने, अपने गोल्स को रिइवैलुएट करने और अंततः एक ऐसा रास्ता खोजने के लिए मजबूर किया जो मेरी पसंद के हिसाब से था.' उन्होंने यह भी कहा कि अपनी पुरानी कंपनी को लेकर मन में कोई नफरत नहीं है. उन्होंने कहा - मैं आज जो कुछ भी हूं उसका श्रेय माइक्रोसॉफ्ट को देता हूं. जो मेरे करियर के लिए एक झटका जैसा लगा वह वास्तव में छिपी हुई ब्लेसिंग थी.

अब सिंटिलेट कोचिंग के संस्थापक और सीईओ, कुलश्रेष्ठ ने हालिया छंटनी से प्रभावित लोगों को खास सलाह दी. उन्होंने कहा 'हाल ही में हुए लेऑफ के साथ, अगर आप भी इसी तरह क बुरे सपने से गुजर रहे हैं, तो यह जान लें: आप अकेले नहीं हैं. यह हो सकता है आपको कुछ बेस्ट मिलने वाला है और आप इससे एक ही कदम दूर हैं. गुस्सा, खोया हुआ या हारा हुआ महसूस करना ठीक है. लेकिन एक पल रुकें, सांस लें और फिर अपने सपोर्ट सिस्टम तक पहुंचकर वापसी की प्लानिंग शुरू कर दें.

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कपिल कुलश्रेष्ठ ने आखिर में लिखा- 'असफलताएं होती हैं, लेकिन वे आपको डिफाइन नहीं करतीं; उनके प्रति आपका रिएक्शन आपको डिफाइन करता है. प्रक्रिया पर भरोसा रखें, क्योंकि आपका अगला चैप्टर बहुत करीब हो सकता है.'
 

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