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एक्सीडेंट से सिर में आई भारी चोट, डॉक्टरों ने लैब में बनी खोपड़ी लगाकर बचाई जान

डर्बी के रहने वाले 26 वर्षीय जोश स्टोरर 9 जुलाई को एक हादसे में घायल हो गए थे, जिसके बाद न्यूजीलैंड के ऑकलैंड में उनकी मस्तिष्क की व्यापक सर्जरी हुई थी. वो तीन सप्ताह तक कोमा में थे.

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कृत्रिम खोपड़ी से बची जान
कृत्रिम खोपड़ी से बची जान
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कृत्रिम खोपड़ी लगाकर बचाई गई शख्स की जान
  • हादसे के बाद तीन हफ्ता तक कोमा में था शख्स

मेडिकल साइंस ने कितनी तरक्की कर ली है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि ब्रिटेन में जानलेवा चोट लगने के बाद एक व्यक्ति के खोपड़ी के हिस्से को भी बदल दिया गया. उस व्यक्ति को लैब में बनाया गया कृत्रिम खोपड़ी लगाया गया है.

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डर्बी के रहने वाले 26 वर्षीय जोश स्टोरर 9 जुलाई को एक हादसे में घायल हो गए थे, जिसके बाद न्यूजीलैंड के ऑकलैंड में उनकी मस्तिष्क की व्यापक सर्जरी हुई थी. वो तीन सप्ताह तक कोमा में थे.

घटना के बाद जोश स्टोरर के मस्तिष्क से दबाव को दूर करने के लिए ऑपरेशन के जरिए उनकी खोपड़ी के दाहिने आधे हिस्से को हटा दिया गया था. अस्पताल के अधिकारियों ने जोश को बताया कि उनके लिए खोपड़ी का वो हिस्सा जोड़ना जरूरी है और उन्हें तब तक इंतजार करना होगा जब तक कि कोविड -19 अलर्ट के खत्म होने के बाद उनके लिए नई कृत्रिम खोपड़ी नहीं बन जाती.

न्यूजीलैंड ने 4-स्तरीय कोविड -19 अलर्ट सिस्टम लगाया है, जो नागरिकों को बताता है कि उन्हें कैसे संक्रमण से बचे रहना है. अलर्ट लेवल 2 का मतलब है कि कम्युनिटी ट्रांसमिशन का जोखिम कम है और स्वास्थ्य नियमों के तहत व्यावसायिक गतिविधियां फिर से शुरू हो सकती हैं.

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फिलहाल ऑकलैंड अलर्ट लेवल 3 पर है और कुछ पाबंदियां हटा ली गई हैं. इसके बाद अगस्त में आईसीयू में कोमा से जागने के बाद जोश की बहन सियान ने अस्पताल में उनसे मुलाकात की.

इसके बाद उनकी समहति से डॉक्टरों ने लैब में तैयार कृत्रिम खोपड़ी को उनके सिर से जोड़ा है. हालांकि जोश की बहन अपने भाई के भविष्य को "अभी भी अनिश्चित" करार दिया है. 

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