ब्रिटेन के 36 वर्षीय आईटी वर्कर जेम्स हॉवेल्स एक हार्ड-ड्राइव को ढूंढ रहे हैं, जिससे वो करोड़पति बन सकते हैं. दरअसल, जेम्स ने इस हार्ड-ड्राइव को 2013 में कचरे में फेंक दिया था, जिसमें सेव डेटा की कीमत 34 अरब रुपये है.
जेम्स ने इसे ढूंढने के लिए अब अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) के डेटा एक्सपर्ट की मदद ली है. जेम्स ने बताया कि इस हार्ड-ड्राइव में एक क्रिप्टोग्राफिक 'प्राइवेट की' सेव है. ये ‘की’ जेम्स के पास मौजूद बिटकॉइन्स के लिए बहुत जरूरी है.
इन ऐसे में अगर वो हार्ड ड्राइव जेम्स को नहीं मिली तो उन्हें 340 मिलियन पाउंड यानी 34 अरब रुपये का नुकसान उठाना पड़ेगा. क्योंकि आज की तारीख में जेम्स के बिटकॉइन्स की कीमत इतनी ही है.
'द सन' की एक न्यूज के मुताबिक, जेम्स हॉवेल्स ने यह घोषणा तक की है कि अगर प्रशासन उनकी हार्ड ड्राइव खोजने में मदद करता है तो वह ड्राइव से मिलने वाले पैसों का 25 प्रतिशत शहर के कोविड-रिलीफ फंड को देंगे. इसके बावजूद भी अधिकारी उनकी मदद करने को तैयार नहीं हैं. जेम्स का कहना है कि अधिकारियों ने उनका प्लान सुना भी नहीं और सीधे इनकार कर दिया.
वहीं, न्यूपोर्ट सिटी काउंसिल ने भी पुष्टि की है कि हॉवेल्स ने अधिकारियों से 2013 के बाद कई बार गुजारिश की है लेकिन उनका कहना है कि इसका पर्यावरण पर भारी नुकसान होगा. अधिकारियों का कहना है कि लैंडफिल की खुदाई, कचरा स्टोर करना और ट्रीट करना काफी महंगा पड़ सकता है.
जेम्स ने अपनी खोई हार्ड ड्राइव वापस पाने के लिए दुनियाभर के इंजीनियरों, पर्यावरणविदों और डेटा रिकवरी विशेषज्ञों से संपर्क किया है. बाद में जाकर उन्होंने ऑनट्रैक कंपनी की मदद ली. यह फर्म डेटा रिकवरी के लिए जानी जाती है. बता दें कि ये फर्म इतनी प्रसिद्ध है कि नासा भी डेटा रिकवरी के लिए इस कंपनी की मदद लेती है.
ऑनट्रैक के मुताबिक, अगर जेम्स की हार्ड ड्राइव से डाटा रिकवरी की संभावना 80 से 90 प्रतिश है. लेकिन ये हार्ड ड्राइव टूटी नहीं होनी चाहिए. ऐसे में जेम्स के लिए उसके बिटकॉइन वापस मिलने की उम्मीद जागी है. जेम्स के मुताबिक 2013 में उन्होंने गलती से यह हार्ड ड्राइव कचरे में फेंक दी थी. वह तब से ही न्यूपोर्ट सिटी काउंसिल से ये निवेदन कर रहे हैं कि उनकी ड्राइव ढूंढ दी जाए जिससे उन्हें उन्हें वह कोड मिल जाए.