राजस्थान के डूंगरपुर में एक दिहाड़ी मजदूर ने टॉयलेट बनाने के लिए अपनी बकरी को बेच दिया और पत्नी की पायल को गिरवी रख दिया. मजदूर को टॉयलेट बनाने के लिए 9 हजार रुपये की जरूरत थी.
स्वच्छ भारत अभियान से प्रेरित
स्वच्छ भारत अभियान के लिए प्रचार कर रहे कुछ सामाजिक कार्यकर्ता कांतिलाल रोट के घर पहुंचे और उन्हें न सिर्फ स्वच्छता की अहमियत बताई बल्कि खुले में शौच करने से खतरे के बारे में भी बताया. कांतिलाल इससे बेहद प्रभावित हुए. कार्यकर्ताओं ने कांतीलाल को ये भी बताया कि उन्हें 12,000 रुपये मिलेंगे.
इज्जत के लिए झोपड़ी तक गिरवी रखने को तैयार
उन्हें 4-4 हजार की दो किस्तें मिल गई लेकिन काम जारी रहने की वजह से उनके पास रुपये कम पड़ गए. इसके चलते उन्होंने अपनी सात में से एक बकरी को बेच दिया और पत्नी की पायल गिरवी रख दी. कांतिलाल ने बताया, 'बकरी बेचकर मुझे 5 हजार रुपये मिले जबकि पत्नी की पायल से 4 हजार रुपये. ये पायल मेरी पत्नी को उसके माता-पिता ने हमारी शादी पर दी थी.' कांतीलाल की मां ने बताया कि खुले में शौच जाने की वजह से उनकी दो बहुओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. उन्होंने कहा, 'अगर इसके लिए हमें अपनी झोपड़ी भी गिरवी रखनी पड़ती, तो मैं अपनी बहुओं की इज्जत के लिए वो भी करती.'
अच्छे काम के लिए मिला सम्मान
डूंगरपुर नगर निगम के अध्यक्ष के.के. गुप्ता ने इस काम के लिए कांतिलाल के परिवार को सम्मानित किया है और बाकी की 4000 रुपये की किस्त भी जारी कर दी है. इतना ही नहीं, पत्नी की पायल वापस लाने के लिए उन्हें अलग से 4000 रुपये दिए गए हैं.