इस लड़के का चेहरा और दोनों हाथ ट्रांसप्लांट किए गए थे. वो दो साल तक दुनिया की नजरों से छिपा रहा. मगर लोग उसकी हिम्मत बढ़ाने के बजाय मजाक उड़ाते हैं. उसे सोशल मीडिया पर लोग चंकी बुलाते हैं. अमेरिका के रहने वाले 24 साल के जोसेफ डिमीओ 2018 में प्रोडक्ट टेस्टर के तौर पर काम करते थे. वो उस वक्त नाइट शिफ्ट पूरी तक अपने घर जा रहे थे. तभी उनकी कार का एक्सिडेंट हो गया. एक्सिडेंट काफी भयानक था, उनकी जान जाते जाते बची. उन्होंने मौत को मात दी.
डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, उनकी कार एक पोल से टकरा गई थी. कार में आग लग गई. जोसेफ उसी में फंस गए और जिंदा जल रहे थे. तभी वहां से गुजर रहे एक शख्स ने उन्हें बाहर निकालकर बचा लिया. उन्हें थर्ड डिग्री बर्न आए. शरीर 80 फीसदी तक जल गया था. इस हादसे से उबरने की उनकी यात्रा काफी बड़ी होने वाली थी. उन्हें स्थिर करने के लिए डॉक्टरों ने साढ़े तीन महीने तक कोमा वाली स्थिति में रखा. उनकी जिंदगी बेशक बच गई थी, लेकिन अब वो दिखने में पहले जैसे बिलकुल नहीं थे.
2020 में हुआ था ऑपरेशन
वो दो साल तक दुनिया से छिपकर घर में रहे. उनका चेहरे और दोनों हाथों को ट्रांसप्लांट किया गया. ये ऑपरेशन 2020 में 23 घंटे तक चला. जोसेफ दुनिया के ऐसे पहले शख्स बने जिनका चेहरा और दोनों हाथ एक साथ ट्रांसप्लांट किए गए थे. उन्हें 47 साल के डोनर का चेहरा लगा है. उन्होंने बहुत कुछ सहा. बावजूद इसके लोग उनकी हिम्मत की सराहना करने की बजाय उनका मजाक उड़ाते हैं. जब भी वो टिकटॉक पर लाइव आते हैं, तो खूब ट्रोल होते हैं.
लोग अलग अलग नामों से बुलाते हैं
उनका कहना है, 'लोग मुझे चंकी बुलाते हैं, लेकिन इससे मुझे फरक नहीं पड़ता, ये कुछ वक्त बाद बोरिंग लगता है. तो मैं उन्हें दूसरे नाम दे देता हूं. मुझे आसपास मजाक होना पसंद है. लेकिन इससे मेरी गर्लफ्रेंड और मेरी मां परेशान होती हैं. मैं उनसे कहता हूं कि इसे न देखें.' जो लड़की जोसेफ की गर्लफ्रेंड है, उसने नर्सिंग की पढ़ाई के दौरान यूनिवर्सिटी में उनके केस के बारे में पढ़ा था. फिर इंस्टाग्राम पर मैसेज किया. अब वो उनकी जिंदगी पर किताब लिख रही है. तीन साल पहले ऑपरेशन बेशक सफल हो गया था, लेकिन जोसेफ अब भी अपने चेहरे की सूजन के जाने का इंतजार कर रहे हैं.