दारूल उलूम देवबंद ने एक मुस्लिम युवक और उसकी सौतेली मां के विवाह को हराम बताते हुए कहा है कि शरीयत कानून में ऐसी शादी करना मना है.
दारूल उलूम देवबंद के नायब मौहतामिम मौलाना अब्दुल खलीक मदरासी ने बताया कि किसी भी युवक द्वारा अपनी सौतेली मां से वैवाहिक संबंध बनाया जाना शरीयत कानून में हराम है. उन्होंने कहा कि ऐसी शादियां इस्लामी कानून के खिलाफ हैं.
उन्होंने कहा कि ऐसा विवाह शर्मनाक और अवैध है तथा शरीयत कानून के अनुसार ऐसे विवाह पर रोक है. अगर ऐसा विवाह होता है तो उसे बलात्कार माना जाएगा. उल्लेखनीय है कि बागपत जिले के गोरीपुर गांव में एक युवक रोनक अली 13 जून को अपनी सौतेली मां हुसैना के साथ भाग गया और दोनों ने विवाह कर लिया. बुधवार को दोनों गांव लौट आए.
हुसैना इकबाल की पत्नी है. इकबाल की पहली पत्नी का छह साल पूर्व देहांत हो गया था, जिसके बाद उसने हुसैना से विवाह किया था. रौनक इकबाल और उसकी पहली पत्नी का पुत्र है. उसका भी विवाह हो चुका है.