मुंबई के एक ऑटो-रिक्शा चालक की बेटी प्रेमा जयकुमार ने तमाम अड़चनों और बाधाओं को धता बताते हुए अखिल भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंसी परीक्षा में अव्वल मुकाम हासिल किया.
मलाड में सामानों से ठसाठस एक कमरे के छोटे से चॉल में अपने भाई और मां-बाप के साथ रहने वाली 24 वर्षीय प्रेमा ने बताया कि उसे सीए परीक्षा में टॉप करने की बेहद खुशी है. चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की ओर से नवंबर 2012 में आयोजित परीक्षा के नतीजे की घोषणा सोमवार को की गई.
खुशी से लबरेज प्रेमा ने कहा, ‘यह मेरी पूरी जिंदगी की उपलब्धि है.’ उसका परिवार मूलत: तमिलनाडु का रहने वाला है, लेकिन वह कई साल से मुंबई में बस चुका है जहां उसके पिता जयकुमार पेरूमल ऑटो-रिक्शा चला कर अपना और अपने परिवार का पेट पालते हैं.
सीए परीक्षा में 800 में शानदार 607 अंक हासिल करने वाली प्रेमा अपनी इस कामयाबी का श्रेय अपने मां-बाप को देती है. वह चाहती हैं कि अब वे अपनी बाकी जिंदगी आराम से गुजारें. प्रेमा ने कहा, ‘उनके (मेरे मां-बाप के) समर्थन और आशीर्वाद के बगैर यह मुमकिन नहीं था. मेरे मां-बाप ने हमेशा मुझे प्रेरित किया. मैं अब चाहूंगी कि मेरे लिए इतना कुछ करने वाले मेरे मां-बाप आराम की जिंदगी बिताएं.’
उसने कहा कि उसे अपने पिता और गृहणी मां पर नाज हैं जिन्होंने उसकी पढ़ाई में कभी पैसे को आड़े नहीं आने दिया. उसे अपने 22 साल के छोटे भाई पर भी नाज है जिसने उसके साथ सीए की कठिन परीक्षा पास की.
प्रेमा और उसके भाई दोनों ने नवंबर में परीक्षा के लिए एक साथ इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया में अपना पंजीकरण कराया था.
यह पहला मौका नहीं है जब प्रेमा ने अपनी काबिलियत का झंडा फहराया. वह अपने बी. कॉम तृतीय वर्ष की परीक्षा में मुंबई में विश्वविद्यालय में दूसरे स्थान पर रही. उस परीक्षा में उसने 90 प्रतिशत अंक अर्जित किए थे.