श्रीलंकाई जादूगर मुथैया मुरलीधरन ने कई विवादों और अड़चनों से जूझते हुए अपने 18 साल के कैरियर का अंत गुरुवार को गॉल में भारत के खिलाफ पहले टेस्ट क्रिकेट मैच में 800 विकेट की जादुई संख्या पर पहुंचकर की.
मुरलीधरन के कैरियर की उपलब्धियों और उतार चढावों का घटनाक्रम इस प्रकार है.
28 अगस्त 1992, कोलंबो- 20 वर्षीय मुथैया मुरलीधरन ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेतरामा स्टेडियम में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया तथा 141 रन देकर तीन विकेट लिये. क्रेग मैकडरमाट के रूप में उन्होंने पहला विकेट लिया.
12 अगस्त 1993 कोलंबो- मुरलीधरन ने भारत के खिलाफ खेतरामा स्टेडियम में ही एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया. प्रवीण आमरे उनका पहला वन डे विकेट थे.
25 से 30 अगस्त 1993, मोतरुवा- मुरलीधरन ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 104 रन देकर पांच विकेट लिये. उन्होंने पहली बार किसी पारी में पांच विकेट हासिल किये.
11 से 15 मार्च नेपियर 1995- मुरलीधरन ने न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरी पारी में 64 रन देकर पांच विकेट लिये. जिससे श्रीलंका ने मैच 241 रन से जीता. यह श्रीलंका की विदेश में पहली जीत थी.
27 दिसंबर 1995, मेलबर्न- डेरेल हेयर ने मुरलीधरन की गेंद नोबाल करार दी. आस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे दिन के खेल में इस अंपायर ने संदिग्ध एक्शन के लिये सात बार उनकी गेंद नोबाल दी. {mospagebreak}
14 से 17 मार्च 1997, हैमिल्टन- मुरलीधरन ने अपने 27वें टेस्ट मैच में स्टीफन फ्लेमिंग को आउट करके 100वां टेस्ट विकेट लिया.
7 से 11 जनवरी 1998, कैंडी- मुरलीधरन ने जिम्बाब्वे के खिलाफ 117 रन देकर 12 विकेट लिये. यह पहला अवसर था जबकि उन्होंने मैच में दस विकेट हासिल किये.
15 अप्रैल 1998 बेनोनी- मुरली ने पहली बार वन डे में पांच विकेट लिये. उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ 23 रन देकर पांच विकेट हासिल किये.
7 से 11 अप्रैल 1998 ओवल- मुरली ने इंग्लैंड के खिलाफ 220 रन देकर 16 विकेट लिये जो टेस्ट क्रिकेट में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. बेन होलियोक उनका 200वां टेस्ट विकेट बना. श्रीलंका ने यह मैच दस विकेट से जीता जो इंग्लैंड में उसकी पहली जीत थी.
23 जनवरी 1999, एडीलेड- अंपायर एमर्सन ने एक बार फिर इंग्लैंड के खिलाफ वनडे में मुरली के संदिग्ध एक्शन की शिकायत की. रणतुंगा ने इस श्रीलंकाई खिलाड़ी को मैदान छोड़ने के लिये कहा. खेल शुरू होने से पहले 14 मिनट का नुकसान हो चुका था.
फरवरी-मार्च 2000, पाकिस्तान- मुरली ने 19.84 की औसत से 26 विकेट लिये. श्रीलंका ने श्रृंखला 2-1 से जीती. जुलाई-अगस्त, 2000- मुरली ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की घरेलू श्रृंखला में 26 विकेट लिये. {mospagebreak}
27 अक्तूबर 2000, शारजाह- मुरली ने 30 रन देकर सात विकेट लिये. भारत के खिलाफ एक दिवसीय क्रिकेट में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन.
चार जनवरी 2002 , कैंडी- मुरली ने पहले दिन जिम्बाब्वे के नौ विकेट लिये लेकिन दसवां चूक गए जब चमिंडा वास ने हेनरी ओलोंगा को आउट कर दिया. दूसरी पारी में मुरली ने 64 रन देकर चार विकेट लिये. एक मैच में दस विकेट लेने का कारनामा 10वीं बार करके रिचर्ड हैडली के रिकार्ड की बराबरी की.
15 जनवरी 2002, गाले- अपने 72वें टेस्ट में मुरली 400 विकेट सबसे तेजी से लेने वाले गेंदबाज बने. हेनरी ओलोंगा को उन्होंने 400वां शिकार बनाया. नौ अप्रैल, शारजाह- न्यूजीलैंड ने श्रीलंका को वनडे में 11 रन से हराया लेकिन मुरली ने दस ओवर में नौ रन देकर पांच विकेट लिये.
16 मार्च 2004, कैंडी- मुरली ने माइकल कास्प्रोविच को आउट करके 87वें टेस्ट में 500 विकेट पूरे किये.
28 मार्च, कोलंबो 2004- आईसीसी मैच रैफरी क्रिस ब्राड ने एक बार फिर मुरली की शिकायत की. ब्राड का मानना था कि आस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में दूसरा डालते समय मुरली का एक्शन वैध नहीं था. {mospagebreak}
दो अप्रैल 2004, पर्थ- मुरली ने वेस्टर्न आस्ट्रेलिया यूनिवर्सिटी में गेंदबाजी एक्शन की जांच कराई. 21 अप्रैल 2004- आईसीसी ने मुरली की दूसरा को प्रतिबंधित किया. उसने स्पिन गेंदबाजों के टालरेंस लेवल में पांच फीसदी की बढोतरी से इनकार किया. बाद में हालांकि इसे बढ़ाया गया.
8 मई 2004, हरारे- मुरली ने टेस्ट क्रिकेट में कर्टनी वाल्श के 519 विकेट के रिकार्ड की बराबरी की. जिम्बाब्वे के म्लुलेकी एनकाला उनका 520वां शिकार बने.
12 मई 2004- श्रीलंका क्रिकेट ने मुरली को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दूसरा नहीं फेंकने के निर्देश दिये. आईसीसी ने इसका समर्थन किया. चार जून 2004- मुरली को आस्ट्रेलियाई दौरे के लिये टीम में चुना गया जबकि उसने कहा था कि वह श्रृंखला से बाहर रह सकता है.
15 जून 2004- मुरली ने आस्ट्रेलिया दौरे से नाम वापिस लिया. 24 जनवरी 2006, एडीलेड- मुरली ने 400वां वनडे विकेट लिया.
चार फरवरी 2006 , पर्थ- मुरली ने वेस्टर्न आस्ट्रेलिया यूनिवर्सिटी में फिर टेस्ट दिया. आस्ट्रेलिया को यह साबित करने के लिये कि उनका एक्शन वैध है. {mospagebreak}
10 मार्च 2006, बोगरा- मुरली ने 101वें टेस्ट में 600वां विकेट लिये. दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में खालिद मसूद उनका शिकार बने.
14 जुलाई 2007, कैंडी- मुरली ने बांग्लादेश के खिलाफ तीसरे टेस्ट में आखिरी विकेट लेकर 700 विकेट पूरे किये. यह उनका 113वां टेस्ट था.
31 अगस्त 2007- लंकाशर के लिये खेलते समय कोहनी की चोट के कारण मुरली टी20 विश्व कप से बाहर.
तीन दिसंबर 2007- मुरली ने शेन वार्न का 708 टेस्ट विकेट का रिकार्ड तोड़ा. टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बने.
छह जुलाई 2010, कोलंबो- मुरली ने भारत के खिलाफ 18 जुलाई से शुरू होने वाली टेस्ट श्रृंखला के पहले टेस्ट के बाद टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने का ऐलान किया. वनडे और आईपीएल में खेलते रहेंगे.
22 जुलाई 2010, गाले- मुरली ने 800 विकेट पूरे करके टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा. श्रीलंका ने भारत को पहले टेस्ट में 10 विकेट से हराया. प्रज्ञान ओझा उनके 800वें शिकार बने.