म्यांमार और थाईलैंड में 7.0 से 7.7 मेग्निट्यूड की तीव्रता वाले भूंकप ने पूरे दोनों देशों को हिला दिया. देखते ही देखते कई बहुमंजिला इमारतें ताश के पत्तों की तरह बिखर गई. सड़कों पर अफरा-तफरी मच गई और लोग इधर-उधर भागने लगे.
म्यांमार में शुक्रवार को आए शक्तिशाली भूकंप के कई वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किए जा रहे हैं. जिसमें तबाही का भयानक मंजर दिखाई दे रहा है. गिरते बिल्डिंग्स और सड़कों पर भाग रहे लोगों की भीड़ दिल दहलाने वाला है.
भूकंप का केंद्र म्यांमार का Sagaing बताया जा रहा है. भूकंप के झटकों की वजह से म्यांमार के मांडलेय में इरावडी नदी पर कथित तौर पर लोकप्रिय एवा ब्रिज (Ava Bridge) भी ढह गया. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, रिक्टर पैमाने पर भूकंप के पहले झटके की तीव्रता 7.2 जबकि दूसरे की 7.0 रही. खुच लोगों का दावा है कि भूकंप 7.7 तीव्रता के थे.
देश के अलग-अलग हिस्सों से भूकंप के दौरान की तबाही और बाद के मंजर के कई फुटेज सोशल मीडिया मौजूद हैं. ये वीडियो म्यांमार और थाईलैंड दोनों ही जगहों के हैं. इसमें टूटी इमारतों को देखकर भूकंप की तीव्रता का अंदाजा लगाया जा सकता है.
वीडियो में एक के बाद एक कई सारे बिल्डिंग्स धड़ाधड़ गिरते दिखाई दे रहे हैं. इमारतों के गिरने से धूल और धुएं का गुबार उठता देखा जा सकता है. इसके साथ ही लोगों को चेहरे पर खौफ साफ दिखाई दे रहे हैं.
म्यांमार में भूकंप के झटकों के कारण बैंकॉक में इमारत ढह गई
28 मार्च को थाईलैंड के बैंकॉक में भूकंप के तेज झटकों के कारण निर्माणाधीन एक ऊंची इमारत ढह गई. सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में बैंकॉक के चटूचक बाजार के पास एक बहुमंजिला इमारत को धूल के गुबार में ढहते हुए दिखाया गया है, जब शहर में दोपहर के समय म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए. घटनास्थल पर मौजूद पुलिस ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि ढहने के समय साइट पर कितने मज़दूर थे, इस बारे में तत्काल कोई जानकारी नहीं है.
एक भयावह फुटेज में वह क्षण दिखाया गया है जब तेज भूकंप के कारण एक विशाल गगनचुंबी इमारत ढहकर जमीन पर गिर गई - जिससे श्रमिक और स्थानीय लोग अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे. द सन की रिपोर्ट के मुताबिक बैंकॉक में 30 मंजिला इमारत के अंदर कम से कम 67 लोग फंसे होने की बात उन्हें बचाने के लिए काम कर रहे बहादुर चिकित्सकों द्वारा कही जा रही है. बताया जाता है कि जब भूकंप आया उस समय इमारत में निर्माण का का चल रहा था. भूकंप के मूल केन्द्र से 800 मील दूर थाईलैंड की राजधानी में स्थानीय लोग भी भूकंप के पहले झटके के कारण घबराकर इमारतों से बाहर निकलकर सड़कों पर आ गए थे.