नासा के मार्स रोवर ने एक ऐसी प्राचीन घाटी की तस्वीरें लेकर भेजी हैं, जो संभवत: एक बड़े गड्ढे के रिम के अंदर बनी ढलान पर बहते हुए पानी से बनी होगी.
नासा का मार्स एक्सप्लोरेशन रोवर ऑप्च्यरुनिटी मई की शुरूआत में जब अपने विस्तारित अभियान के मुख्य डेस्टिनेशन‘प्रीजेवेरेंस वैली’ के उपरी छोर पर पहुंचा तो कैमरों ने इलाके के विभिन्न हिस्सों की तस्वीरें उच्चतम रेजोल्यूशन के साथ दिखानी शुरू कर दीं.
ऑप्च्यरुनिटी परियोजना के वैज्ञानिक और नासा की जेट पर्पलशन लेबोरेटरी के मैट गोलोमबेक ने कहा, ‘इस क्षेत्र को बेहद करीब से देखकर वैज्ञानिक दल बेहद उत्साहित हैं. यह दल अब उन संकेतों को खोज रहा है, जिनके जरिए घाटी के निर्माण के बारे में चर्चित विभिन्न सिद्धांतों के बीच भेद किया जा सकता है.’
कुछ वक्त पहले मिला था शनि पर नया केमिकल
कुछ वक्त पहले नासा ने शनि के एक उपग्रह एन्सेलेडस में जीवन को पनपने देने वाले केमिकल्स को खोजा था. वैज्ञानिकों को पहले से ही एन्सेलेडस में जीवन होने का अनुमान था. नए रिसर्च कासिनी एयरक्राफ्ट के जरिए सामने आए थे जिससे एन्सेलेडस की सतह से आया हुए पानी का विशाल जखीरा आकर टकरा गया था. इसे एयरक्राफ्ट ने वापस रिडिंग के लिए पृथ्वी पर भेजा. रिसर्चर्स ने इसमें मॉलिक्यूलर हाइड्रोजन के प्रमाण पाए.
रिसर्चर्स ने दावा किया था कि ये मॉलिक्यूलर हाइड्रोजन केवल चट्टानों के बर्फीली पपड़ी के नीचे गर्म चट्टानों और पानी के बीच जल-तापीय प्रतिक्रियाओं से ही संभवतः आया है. यही चीजें पृथ्वी पर जीवन के लिए एनर्जी प्रदान करती हैं.