थाईलैंड (Thailand) के जंगल से स्थानीय लोगों को एक नवजात बच्ची (Newborn Baby) मिली. बच्ची महज दो दिन की थी. वह करीब 48 घंटों से जंगल में अकेले ही पड़ी थी. लोगों ने जब उसे रेस्क्यू किया तब उसकी सांसे चल रही थीं. यानी 2 दिन तक खतरनाक जंगल में अकेले पड़े रहने के बाद भी नवजात जिंदा थी. आइए जानते हैं पूरा किस्सा..
'डेली मेल' की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते दिन क्राबी प्रांत (Krabi Province) में स्थानीय लोग पेड़ों से रबर इकट्ठा करने गए थे, तभी उन्होंने उस नवजात बच्ची को देखा. वो बिना कपड़ों के केले के घने पेड़ों के बीच में हुई पड़ी थी.
इस हालत में मिली नवजात
नवजात के चेहरे पर खरोंच के निशान थे और साथ ही उसके शरीर पर कीड़े रेंग रहे थे. मालूम हो रहा था कि वो काफी समय इसी हालत में जंगल में पड़ी थी. गांव वालों ने जैसे ही बच्ची को उठाया, वह रोने लगी. जानकारी मिलते ही पुलिस टीम और एम्बुलेंस वहां पहुंची.
जिसके बाद बच्ची को एक कंबल में लपेटा गया और एम्बुलेंस में ले जाकर डिहाईड्रेशन (Dehydration) का ट्रीटमेंट शुरू किया गया. फिलहाल बच्ची को डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है और उसकी हालत ठीक है.
Newborn baby is found alive after she was abandoned for two days in Thai forest https://t.co/4DpbmFkqsd
— Daily Mail Online (@MailOnline) December 21, 2021
कोबरा और अजगर से भरा है जंगल
जानकारी के मुताबिक बच्ची जिस जगह से मिली है उस क्षेत्र में कोबरा और अजगर जैसे खतरनाक जानवर पाए जाते हैं. यही नहीं, दिन में उस जगह का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस तक का होता है. ऐसे में उस जगह से बच्ची का जिंदा मिलना अविश्वसनीय है.
पुलिस ने क्या कहा?
पुलिस की ओर से कहा गया कि वो बच्ची की मां की तलाश कर रहे हैं. कर्नल प्रसित योडथोंग (Colonel Prasit Yodthong) ने बताया कि बच्ची के शरीर पर कीड़े रेंग रहे थे. अभी आस-पास के अस्पतालों से पता चला है कि वहां किसी महिला ने बच्ची को जन्म नहीं दिया है. कर्नल ने आगे कहा कि इस बात की संभावना है कि महिला ने बच्ची को कहीं और जन्म दिया और यहां आकर छोड़ दिया.
उन्होंने ने कहा कि फिलहाल हम बच्ची की मां का पता लगा रहे हैं और उसके खिलाफ मुकदमा भी चलाया जाएगा. बच्ची दो दिनों से वहां थी, पूरी रात अकेली रहने के बाद भी वह बच गई. फिलहाल स्वास्थ्य निगरानी के लिए बच्ची को खाओ फनोम अस्पताल (Khao Phanom Hospital) भेजा गया है. पूरी तरह ठीक होने के बाद उसे क्राबी प्रांतीय (Krabi Provincial Administration) प्रशासन के पास ले जाया जाएगा. जिसके बाद उसे चाइल्ड केयर में रखा जाएगा.