रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने हजारों करोड़ रुपये के बैंकिंग फ्रॉड में पंजाब नेशनल बैंक (PNB) को किसी तरह का निर्देश देने से इंकार किया है. RBI ने कहा है कि उसने PNB से लेटर ऑफ अंडर टेकिंग (LOU) में दूसरे बैंकों से किए वादों को पूरा करने का निर्देश नहीं दिया है.
RBI ने कहा है कि इस संबंध में आ रही रिपोर्ट गलत हैं, उनकी ओर से LOU में शामिल किसी शर्त का पालन करने को नहीं कहा गया है. RBI ने इस महाघोटाले के बारे में कहा है कि यह गड़बड़ी एक या एक से अधिक बैंक कर्मचारियों की गड़बड़ी की वजह से हुई है. यह PNB की आंतरिक विफलता है.
इस संबंध में RBI ने कहा है कि वह पहले से ही PNB के कंट्रोल सिस्टम की जांच पड़ताल कर रहा है और वह इस मामले में उचित कार्रवाई करेगा.
It's case of operational risk arising on account of delinquent behaviour by one or more employees of the bank & failure of internal controls. RBI has already undertaken supervisory assessment of control systems in PNB & will take appropriate supervisory action: RBI #PNBFraudCase
— ANI (@ANI) February 16, 2018
इस बीच प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आरोपी नीरव मोदी के खिलाफ शुक्रवार को एक और केस दर्ज किया है. साथ ही देशभर में उसके 35 अलग ठिकानों पर छापेमारी की और 549 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त कर ली. मामले में अब तक कुल 5649 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है. PNB महाघोटाले को लेकर राजनीतिक गलियारों में भी आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है.
विदेश मंत्रालय ने नीरव मोदी और मेहुल चोकसे का पासपोर्ट चार सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया. साथ ही नीरव मोदी को इस बात का जवाब देने के लिए एक हफ्ते का समय दिया कि आखिर उसके पासपोर्ट को क्यों न रद्द किया जाए? विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि अगर नीरव मोदी एक हफ्ते में जवाब नहीं देते हैं, तो यह माना जाएगा कि वो ऐसा करने में विफल रहे.