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'यूआईडी' के लिए धन की कमी नहीं: प्रणब

सरकार ने कहा है कि वह विशिष्ट पहचान संख्या परियोजना के लिए जरूरी फंड उपलब्ध कराएगी, साथ ही उसने ने इस बारे में मीडिया में प्रकाशित इस आशय की खबरों को खारिज कर किया कि इस परियोजना का बजट कम कर दिया गया.

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सरकार ने कहा है कि वह विशिष्ट पहचान संख्या परियोजना के लिए जरूरी फंड उपलब्ध कराएगी, साथ ही उसने ने इस बारे में मीडिया में प्रकाशित इस आशय की खबरों को खारिज कर किया कि इस परियोजना का बजट कम कर दिया गया.

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वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने एक बयान में कहा, ‘‘वित्त मंत्रालय यूआईडी परियोजना को लागू करने और तेजी से पूरा करने के प्रति प्रतिबद्ध है और इस परियोजना को आसानी से लागू करने के लिए जितने धन की जरूरत होगी, वह यूआईडी प्राधिकरण को मुहैया कराया जाएगा.’’

मीडिया में इस तरह की खबरें आई थीं कि वित्त मंत्रालय ने यूआईडी परियोजना के लिए बजट में भारी कटौती कर दी है. वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘यह सही स्थिति नहीं है.’’ हालांकि, बयान में इस बात का उल्लेख नहीं है कि यूआईडी के लिए कितनी राशि मुहैया कराई जाएगी. केंद्र ने इन्फोसिस के संस्थापक नंदन नीलेकणि की अध्यक्षता वाले भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के बजट को 16 गुना बढ़ाकर 1,900 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया है.{mospagebreak}संभावना है कि प्राधिकरण पहला यूआईडी नंबर अगस्त, 2010 से फरवरी, 2011 के बीच करेगा. फिलहाल यूआईडी विभिन्न राज्य सरकारों और अन्य एजेंसियों से इस बारे में गठजोड़ कर रहा है, जो पंजीयक के रूप में काम करेंगी और लोगों को नंबर देने में मदद करेंगी.

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प्राधिकरण के चेयरमैन नंदन नीलेकणि ने भी कहा कि सरकार द्वारा यूआईडी का बजट 7,000 करोड़ रुपये से घटा कर सिर्फ 3,000 करोड़ रुपये करने की खबर का खंडन किया. उन्होंने एक बयान में कहा कि यह सही स्थिति नहीं है. नीलेकणि ने एक बयान में कहा, ‘‘पहले चरण के तहत यूआईडी को प्राधिकरण के गठन और ‘प्रूफ आफ कान्सेप्ट’ (अवधारण की पुष्टि हेतु) अध्ययन के लिए धन मुहैया कराया गया था. दूसरे चरण के तहत पायलट अध्ययन और मार्च, 2011 तक 10 करोड़ यूआईडी नंबर जारी करने के लिए फंड की मांग की गई है.’’{mospagebreak}उन्होंने स्पष्ट किया कि तीसरे चरण के तहत अन्य यूआईडी नंबर जारी करने और परियोजना की दूसरी बातों के लिए सरकार से धन की मांग की जाएगी. उन्होंने कहा कि परियोजना के लिए आवश्यक धन हासिल करने में किसी तरह की परेशानी नहीं हो रही है. नीलेकणि ने कहा कि यूआईडी की सभी गतिविधियां योजना के अनुरूप हो रही हैं और बजटीय संसाधनों की कमी इसके आड़े नहीं आ रही है.

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