विदेशी मामलों के राज्य मंत्री शशि थरूर ने आज साफ किया कि इंडियन प्रीमियर लीग की कोच्चि फ्रेंचाइजी में उनकी कोई हिस्सेदारी नहीं है और उनकी भूमिका सिर्फ समूहों को टीम खरीदने के लिये प्रेरित करने तक सीमित थी.
थरूर ने कहा कि उनके पास जरूरी संसाधन और बोली में लगने वाला समय नहीं था क्योंकि यह व्यवसायिक लोगों का फैसला था.
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इसमें सिर्फ उन्हें टीम खरीदने के लिये प्रेरित किया और बोली लगाने वालों को जरूरी समय में विशेषज्ञ जैसी सलाह दी. इसके अलावा मेरी कोई भूमिका नहीं थी. यह व्यापार करने वाले लोगों एक समूह है और मुझे लगता है कि यह व्यवसायिक फैसला है.’’ कोच्चि की टीम रोंदिवू स्पोर्ट्स वर्ल्ड लिमिटेड ने खरीदी है, जो मशहूर समूह नहीं है. उसने 10 साल के लिये 33.33 करोड़ डालर राशि से टीम हासिल की और इसके बाद थरूर ने अपनी भूमिका पर सफाई दी.
थरूर ने कहा, ‘‘मैं इस समूह के सभी लोगों को नहीं जानता और न ही मुझे इस बात की जानकारी है कि वे कितनी राशि से बोली लगाने जा रहे थे. मैं इस रोंदिवू स्पोर्ट्स समूह को जानता था और गायकवाड़ बंधुओं से मिला था.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उन्हें हर तरह से प्रेरित किया, लेकिन मेरी भूमिका सीमित थी. यह लगभग ऐसा था कि मैं इसे क्या नाम दे सकता हूं. संरक्षक एक बहुत बड़ा शब्द लगता है.’’
आईपीएल आयुक्त ललित मोदी ने भी चेन्नई में पत्रकारों से कहा कि थरूर ने सिर्फ बोली लगाने के लिये समूहों को शामिल कर रहे थे.