अफगानिस्तान में तालिबान की हरकतों पर अमेरिका द्वारा मानवता की दुहाई देने पर उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन भड़क गए और इसे अमेरिका का पाखंड करार दे दिया.
उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने अफगानिस्तान में हजारों लोगों के जीवन को खतरे में डालने के लिए अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन जैसे देशों को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें मुख्य अपराधी बताया है.
उत्तर कोरिया ने तालिबान नियंत्रित क्षेत्र छोड़ने के बाद तीन देशों की कार्रवाई को "मानवता के खिलाफ अपराध" के रूप में उद्धृत करते हुए तीखा हमला किया. उन्होंने यह भी दावा किया कि चीन, क्यूबा, ईरान और वेनेजुएला सहित अन्य देश जो संयुक्त राष्ट्र की सूची में दुनिया के 10 सबसे खराब मानवाधिकार वाले देशों की सूची में शामिल हैं वो इससे नाराज हैं.
उत्तर कोरिया की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि, "यह स्पष्ट रूप से दिख रहा है कि अमेरिका और पश्चिमी देश जो 'मानव अधिकारों के संरक्षण' की वकालत करते हैं वहीं मानवाधिकारों का हनन करते हैं.'
विदेश मंत्रालय की तरफ से एक दूसरे बयान में अमेरिका पर निशाना साधते हुए अफगानिस्तान में इस समस्या के लिए पूर्ण रूप से अमेरिका को ही जिम्मेदार ठहराया गया है.
बयान में आगे कहा गया है, "वे (अमेरिका) निर्दयता से जीवन के अधिकार - मानवाधिकारों के मूल अधिकार को भी कुचल रहे हैं और इसकी निंदा भी कर रहे हैं जिन्हें अंतरराष्ट्रीय समाज का भी सर्वसम्मति से समर्थन प्राप्त है."
रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर कोरिया ने आर्थिक चुनौतियों और अकाल के बाद भी परमाणु मिसाइलों का परीक्षण जारी रखा है.
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