अमेरिकी नागरिक जॉन एलन चाऊ ने भारत के सेंटीनल आइलैंड पर मौजूद जनजाति के बीच जाने से पहले अपने सामान्य कपड़े उतार दिए थे. एक रिपोर्ट के मुताबिक, वह सिर्फ काला अंडरवियर पहनकर जनजाति के पास गया था. उसे उम्मीद थी कि इस तरह जाने से आदिवासी उसे अपने करीब समझेंगे.
एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक, चाऊ ने जनजाति से मिलने जाने से पहले अंडमान निकोबार द्वीप समूह के सेंटीनल द्वीप पर ही एक बैग छुपा दिया था. एक जांच अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर अखबार को बताया है कि गिरफ्तार तीन मछुआरों ने जानकारी दी है कि 16 नवंबर की रात को चाऊ ने एक बैग आइलैंड पर छुपा दिया था जिसमें पासपोर्ट, कपड़े, फर्स्ट एड किट और कुछ अन्य जरूरी सामान थे.
पुलिस को अब तक शव हासिल करने में सफलता नहीं मिली है. वहीं, सर्वाइवल इंटरनेशनल नाम की संस्था ने कहा है कि पुलिस को अमेरिकी शख्स की बॉडी हासिल करने का प्रयास बंद कर देना चाहिए. संस्था का मानना है कि उनका शव हासिल करने की कोशिश जनजाति और पुलिस, दोनों के लिए 'बेहद खतरनाक' साबित हो सकती है.
वहीं, चाऊ के परिवार और दोस्तों ने उम्मीद जताई है कि वे शायद जिंदा हो सकते हैं. उनके करीबी दोस्त रहे जॉन मिडेलटन रामसे ने द सन से कहा- मुझे विश्वास है कि शायद चाऊ अटैक के बावजूद बचे हों. मुझे नहीं लगता कि अधिकारी भी इस बात को खारिज करेंगे. अब तक सिर्फ एक व्यक्ति ने कहा है कि चाऊ की बॉडी को घसीटकर ले जाते देखा गया.'
सेंटीनल द्वीप पर रहने वाली संरक्षित जनजाति बाहरी लोगों को देखते ही ये जनजाति उन पर तीरों से हमला करने लगती है. अमेरिकी नागरिक जॉन एलन चाऊ की भी तीर से ही हमला कर हत्या करने की बात सामने आई है. चाऊ पर अंडमान द्वीप के सेंटनलीज आदिवासियों के साथ संपर्क करने की जिद सवार थी. चाऊ उन्हें ईसाई धर्म से रूबरू कराना चाहते थे.