भारत के नॉर्थ सेंटीनल द्वीप पर एक अमेरिकी नागरिक की हत्या किए जाने का मामला सामने आया है. अंडमान निकोबार द्वीप समूह के नॉर्थ सेंटीनल द्वीप पर ऐसी जनजाति रहती है जिसके बारे में किसी को भी अधिक जानकारी नहीं है.
भारत सरकार ने इन्हें संरक्षित जनजाति घोषित कर दिया है और इनसे किसी भी बाहरी व्यक्ति का संपर्क करना मना है. इनके साथ फोटो और वीडियो लेना भी गैर कानूनी है. इस जनजाति से जब भी कभी बाहरी व्यक्तियों ने संपर्क करने की कोशिश की, वे असफल हो गए. इनकी अपनी भाषा है जिसे समझना काफी मुश्किल माना जाता है. ये जनजाति मुद्रा का भी इस्तेमाल नहीं करती.
इस जनजाति की आबादी 50 के आसपास मानी जाती है. रिपोर्टों के मुताबिक, इस जनजाति के लोगों पर मुकदमा भी नहीं चलाया जा सकता. बाहरी लोगों को देखते ही ये जनजाति उन पर तीरों से हमला करने लगती है. अमेरिकी नागरिक जॉन एलन चाऊ की भी तीर से ही हमला कर हत्या करने की बात सामने आ रही है. चाऊ यीशू के संदेश के साथ आदिवासी लोगों के साथ रूबरू होना चाहते थे.
क्यों नॉर्थ सेंटीनल द्वीप जाना चाहते थे अमेरिकी
जॉन एलन चाऊ अंडमान द्वीप के सेंटनलीज आदिवासियों के साथ संपर्क करने की जिद सवार थी. वह इन लोगों को ईसाई धर्म से रूबरू कराना चाहते थे. 16 नवंबर को अपने परिवार को लिखे आखिरी नोट में चाऊ ने लिखा था, 'आप लोगों को लग सकता है कि मैं पागल हूं लेकिन मुझे लगता है कि इन लोगों को जीसस के बारे में बताना फिजूल नहीं होगा.'