अब गंभीर रूप से बीमार कुत्तों में खून की कमी को आसानी से पूरा किया जा सकेगा. तमिलनाडु वेटरिनरी एंड एनिमल साइंसेज विश्वविद्यालय (टीएनवीएएसयू) में देश में कुत्तों के लिए पहले ब्लड बैंक की स्थापना की गई है, जहां कुत्ते न केवल रक्तदान कर सकेंगे, बल्कि जरूरतमंद कुत्तों को रक्त भी चढ़ाया जा सकेगा.
टीएनवीएएसयू के कुलपति डॉ. पी. थांगाराजू ने कहा ‘‘हमने अपने परिसर में कुत्तों के लिए देश का पहला उच्च तकनीक ब्लड बैंक स्थापित किया है.’’ उन्होंने बताया कि ब्लड बैंक में 28 दाताओं को पंजीकृत कर लिया गया है। पिछले एक सप्ताह से बैंक ने काम करना शुरू किया है और तब से अब तक 10 कुत्तों को रक्त चढ़ाया जा चुका है.
कुत्तों में एकरिलिका कानिस संक्रमण में रक्त की जरूरत पड़ती है.
ब्लड बैंक के प्रभारी डॉ. एस प्रथाबन ने कहा कि प्रयोगशाला में एक रक्त संग्रहण इकाई और एक स्क्रीनिंग उपकरण है, जो खून में किसी भी तरह की बीमारी का पता लगाएगा. इसके अलावा प्रयोगशाला में एक उच्च तकनीकयुक्त संग्रहण इकाई है.
उन्होंने बताया कि एक से आठ वर्ष के बीच के कुत्ते एक साल में अधिकतम चार बार रक्तदान कर सकेंगे. रोगों के उपचार के अलावा कुत्तों में ट्यूमर की सर्जरी के दौरान भी खून चढ़ाने की जरूरत पड़ती है. उन्होंने बताया कि कुत्तों को आघात, संक्रमण, एनीमिया और रक्तमज्जा में चोट पर भी खून चढ़ाना पड़ता है. प्रथाबन ने कहा कि जो कुत्ते रक्तदान के दौरान सहयोग नहीं करते, उन्हें औषधि देकर शांत करना पड़ता है.