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मासूम की दर्दनाक हत्या पर सुनवाई के बीच फेसबुक चलाती रही जज, वायरल हुआ वीडियो

हाल में एक शर्मनाक मामला सामने आया है. इसमें एक बच्चे की हत्या की सुनवाई के दौरान महिला जज को फोन में व्यस्थ देखा गया है. ये पूरा वीडियो कोर्ट के सीसीटीवी में कैद हो गया.

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अदालत में सुनवाई के दौरान फोन चलाती रही जज
अदालत में सुनवाई के दौरान फोन चलाती रही जज

आज के समय में  लोग दिन भर अपने फोन को देखने में इस कदर व्यस्त होते हैं कि उन्हें आस पास के हालात और परिस्थितियों से भी फर्क नहीं पड़ता. समय ऐसा है कि लोग दोस्तों और परिवार से बात करने के ज्यादा अपने फोन के स्क्रोल करते रहना बेहतर समझते हैं.

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चल रही थी 2 साल के बच्चे की हत्या की सुनवाई

यह दुर्भावनापूर्ण व्यवहार आश्चर्यजनक रूप से अदालत में तब पहुंच गया जब एक जज को सुनवाई के दौरान अपने फोन पर फेसबुक स्क्रॉल करते हुए पकड़ा गया. खैर, इस घटना का सबसे भयावह हिस्सा सिर्फ ये नहीं है, बल्कि दुख की बात तो ये है कि ये लापरवाही  ऐसे समय में देखने को मिली जब कोर्ट में 2 साल के बच्चे की हत्या की सुनवाई चल रही थी.

फेसबुक मैसेंजर पर चैट में व्यस्थ थी जज
 
यह घटना अमेरिका के ओक्लाहोमा के लिंकन काउंटी में हुई, जब जिला न्यायाधीश ट्रैसी सोडरस्ट्रॉम को हत्या के मुकदमे की कार्यवाही को नजरअंदाज करते हुए फुटेज में पकड़ा गया था. कार्यवाही के दौरान वह बार-बार अपने फोन पर मैसेज टोन पर उसे उठा रही थी और फेसबुक मैसेंजर पर बात कर रही थीं. इसके अलावा वह लगातार फेसबुक स्क्रोल भी कर रही थी.

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'बाकी जजों से कहा था फोन बंद कर लो'

न्यूज वेबसाइट द ओक्लाहोमन के अनुसार 2 साल के बच्चे को घातक रूप से पीटने के आरोपी व्यक्ति के मामले में जज सोडरस्ट्रॉम की ये पहली सुनवाई थी. कार्यवाही के दौरान, वह सीसीटीवी फुटेज में अपना फेसबुक पेज चेक करती और किसी को भेजने के लिए जीआईएफ खोजती हुई कैद हुई. विडंबना यह है कि सॉडरस्ट्रॉम ने अन्य सभी जूरी सदस्यों से कहा था कि वे मुकदमे के दौरान अपने फोन को बंद कर दें ताकि वे काम पर र ध्यान केंद्रित कर सकें. जाहिर है, उन्होंने खुद इसे फॉलो नहीं किया.

अदालत के प्रशासनिक निदेशक के अनुसार, न्यायाधीशों को न्यायिक आचरण संहिता का पालन करना आवश्यक है. हालांकि, इस संहिता में सेल फोन के बारे में विशेष रूप से कुछ भी उल्लेख नहीं किया गया है. निर्देशक ने कहा कि इसका ये मतलब नहीं कि जज कोर्ट में इस तरह फोन पर लगे रहें. पूरे मामले का वीडियो यूट्यूब पर जारी हुआ तो लोग इसपर ढेरों कमेंट करने लगे. किसी ने लिखा- इसे लापरवाही ही कहें या नृशंसता कि मासूम बच्चे से जुड़े इतने बड़े मामले की सुनवाई के दौरान जज को मैसेज ज्यादा जरूरी लगता है.

 

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