एंडीज में बेहद गरीबी में जीवन गुजार रही पेरू की 116 वर्षीय महिला दुनिया की सबसे बूढ़ी महिला का खिताब पाने की दौड़ में शामिल है.
20 दिसंबर 1897 को जन्मी फिलोमीना ताइपे मेंडोजा जापान के मिसाओ ओकावा से महज तीन माह ही छोटी हैं. गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड और अमेरिका के जेरन्टालॉजी रिसर्च ग्रुप के अनुसार ओकामा विश्व के सबसे बूढ़े व्यक्ति हैं.
पेरू के ‘विकास और सामाजिक समावेश मंत्रालय’ का कहना है कि ताइपे मेंडोजा का परिचय पत्र उनके जन्म की तारीख दिखाता है.
यह है लंबी उम्र का राज
बेहद गरीबी में जी रहे वरिष्ठ नागरिकों के लिए चलाए गई सेवानिवृत्ति योजना का पहला चेक भुनाने में मदद कर रहे एक अधिकारी को ताइपे ने बताया, ‘‘मैं पिछली सदी की नहीं हूं, मैं तो उससे भी पहले की हूं.’’ झुर्रियों से भरे चेहरे वाली ताइपे ने कहा, ‘‘मेरी लंबी उम्र का राज मेरा प्राकृतिक आहार है. मैं हमेशा आलू, बकरी का मांस, भेड़ का दूध, बकरी के दूध से बना पनीर और सेम खाती हूं.’’ ताइपे ने आज तक गंदगी और गरीबी से भरा अपना गांव हुआनकावेलिका नहीं छोड़ा है.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं जो भी पकाती हूं, वह मेरे बगीचे से आता है. मैंने कभी डिब्बा बंद पेय पदार्थ नहीं पिए.’’ मंत्रालय ने ताइपे के हवाले से बताया, ‘‘मेरा जीवन बड़ा कठिन रहा. छोटी उम्र में मैं विधवा हो गई थी और मुझपर नौ बच्चों की जिम्मेदारी थी. मैंने उनका पालन पोषण करने के लिए बहुत मेहनत की. उनमें से सिर्फ तीन ही अब बचे हैं.’’ अपनी एक उम्मीद बताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘काश मेरे दांत अब भी होते.’’ वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली इस पेंशन का अर्थ है कि ताइपे मेंडोजा को अब मुफ्त चिकित्सा सुविधा और हर माह लगभग 250 सोल (90 डॉलर) मिलेंगे.