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एक वक्त वह था, और एक वक्त आज | सोनिया का सफरनामा

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर रिकॉर्ड चौथी दफा विराजमान होने जा रही सोनिया गांधी पर यह जुमला काफी फिट बैठता है कि 'एक वक्त वह था, और एक वक्त आज है...' किसी जमाने में सोनिया राजनीति में कदम रखने के सख्त खिलाफ थीं लेकिन वक्त के साथ सोच बदली और अब वह लगातार चौथी बार देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी की प्रमुख बनने को तैयार हैं.

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भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर रिकॉर्ड चौथी दफा विराजमान होने जा रही सोनिया गांधी पर यह जुमला काफी फिट बैठता है कि 'एक वक्त वह था, और एक वक्त आज है...' किसी जमाने में सोनिया राजनीति में कदम रखने के सख्त खिलाफ थीं लेकिन वक्त के साथ सोच बदली और अब वह लगातार चौथी बार देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी की प्रमुख बनने को तैयार हैं.

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लगातार दो लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को सत्ता का ताज दिलाने वाली 63 साल की सोनिया पिछले 12 साल से पार्टी की अध्यक्ष हैं. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ 1968 में ब्याह रचाकर भारतीय परिदृश्य में नमूदार हुई सोनिया एक बार को छोड़कर हर बार निर्विरोध कांग्रेस अध्यक्ष निर्वाचित हुई हैं.

उन्हें सिर्फ एक दफा साल 2000 में उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ नेता जितेन्द्र प्रसाद की ओर से चुनौती मिली थी लेकिन प्रसाद को मुंह की खानी पड़ी. कांग्रेस अध्यक्ष पद के होने जा रहे चुनाव के लिए सोनिया ने गुरुवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया.

रायबरेली लोकसभा क्षेत्र से तीन बार विजय पताका लहरा चुकीं सोनिया ने पहली बार 1998 में आधिकारिक तौर पर 125 साल पुरानी कांग्रेस पार्टी की प्रमुख का पदभार ग्रहण किया था. यह उपलब्धि हासिल करने वाली वह नेहरू-गांधी परिवार की पांचवीं और विदेश में पैदा हुई आठवीं व्यक्ति बन गयीं हैं.

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